ड्रमंडगंज को नगर पंचायत बनाया जाय तो क्षेत्र का होगा विकास -नरेन्द्र नारायण गुप्त (शाशकीय अधिवक्ता उच्च न्यायालय प्रयागराज)
लालगंज व हलिया नगरपंचायत बनेगा तो ड्रमंडगंज क्यों नहीं

ड्रमंडगंज(मीरजापुर)न्याय पंचायत देवहट (ड्रमंडग॓ज बाजार) अति प्राचीन बाजार है। लगभग 200 वर्ष पूर्व का बाजार ड्रमंडगंज 21वीं सदी में विकास की आस लगाए अपनी बुनियादी समस्याओं से जूझता हुआ विकास की गति पाने को प्रयासरत है ।शिक्षा ,स्वास्थ्य, रोजगार जैसी बुनियादी समस्याओं का अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। ज्ञात हो कि ड्रमंडगंज के चारों ओर लगभग 15 किलोमीटर के अंतर्गत जब कोई बाजार नहीं था उस समय का यह बाजार रहा है।मध्य प्रदेश- उत्तर प्रदेश के बॉर्डर से लालगंज तक के क्षेत्र में चिकित्सा संबंधी सुविधा की उचित कोई व्यवस्था अभी तक सरकार नहीं कर पायी है। ड्रमंडगंज बाजार का क्षेत्र एक्सीडेंटल जोन के रूप में प्रसिद्ध है ।ड्रमंडगंज बाजार में शिक्षा के लिए अभी तक विज्ञान, वाणिज्य, तकनीकी शिक्षा, बालिका विद्यालय की कोई व्यवस्था नहीं है। आर्थिक रूप से विपन्न क्षेत्रीय जनता पलायन के लिए बाध्य है ।उपरौध क्षेत्र में तीन बाजार हैं लालगंज हलिया और ड्रमंडग॓ज जो कि नगर पंचायत बनाये जाने के अभिशाप से अभी तक मुक्त नहीं हुआ है । बताया जाता है कि ड्रमंडगंज बाजार एक डायमंड नाम के अंग्रेज ने 18 वीं सदी में बसाया था। शासन- प्रशासन, जनप्रतिनिधियों के उपेक्षा का शिकार है ड्रमंडगंज बाजार। कब विकास को गति मिलेगी, बुनियादी समस्याओं का समाधान कब होगा? क्षेत्र की जनता 2014 से वर्तमान शासन को लगातार समर्थन देती आ रही है । कितनी बार अभी और शासन- प्रशासन का ध्यान ड्रमंडगंज बाजार की ओर आकर्षित कराने की आवश्यकता पड़ेगी जिससे क्षेत्र की जनता के समस्या का समाधान होगा? नगर नगर पंचायत की पूरी संभावना के बाद भी इस क्षेत्र की उपेक्षा क्यों की जा रही है ? आम जनता उत्तर चाहती है।