
पंजाब की AAP सरकार द्वारा पंचायतें भंग करने का फैसला वापस ले लिया गया है। इसके साथ ही विपक्ष के हाथ मुख्यमंत्री भगवंत मान और पंचायत मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर के खिलाफ नया मुद्दा आ गया है। हालांकि सरकार ने इस मामले में पंचायत विभाग के 2 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है लेकिन सोशल मीडिया पर, पंचायतें भंग करने संबंधी सरकारी आदेश की प्रति वायरल हुई, जिसमें निलंबित किए गए दोनों अधिकारियों के साथ ही पंचायत मंत्री और मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर भी हैं। विपक्षी दलों ने इस मामले में मुख्यमंत्री और पंचायत मंत्री को भी दोषी ठहराते हुए उनके इस्तीफे की मांग शुरू कर दी है।
शिअद के वरिष्ठ नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ ने प्रेस कांफ्रेंस करके इस मामले में मुख्यमंत्री भगवंत मान और पंचायत मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर के इस्तीफे की मांग के साथ ही यह फैसला वापस लेने को मजबूर करने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का धन्यवाद किया। भूंदड़ ने युवा अकाली नेता गुरजीत सिंह तलवंडी द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की, जिन्होंने पंचायतों को भंग करने के खिलाफ जनहित याचिका जारी की। इस मौके पर प्रो. चंदूमाजरा ने कहा कि आप सरकार बौखला गई है। उन्होंने कहा, पहले वह राज्य के सांविधानिक प्रमुख राज्यपाल के साथ लड़ाई में उलझ गए, फिर मुख्यमंत्री और पंचायत मंत्री द्वारा लिए गए निर्णयों के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को निलंबित करके अफसरशाही को निशाना बनाया। अब सरकारी कर्मचारियों पर एस्मा लागू कर दिया है।