जैविक उत्पादों का देश का सबसे बड़ा हब बनेगा यूपी, पहले चरण में प्रदेश के इन 27 जिलों में शुरू होगी योजना

 

वह दिन दूर नहीं जब उत्तर प्रदेश देश में जैविक खेती एवं जैविक उत्पादों का हब बन जाएगा। सरकार प्रदेश में शीघ्र ही बड़े पैमाने पर आर्गेनिक खेती की शुरुआत कराने पर विचार कर रही है। इसके तहत पहले चरण में गंगा नदी के किनारे के 27 जिलों में रसायनों के उपयोग को पूरी तरह से बन्द कर वहां केवल जैविक खेती को बढ़ावा देने की योजना है। इस कार्य में किसान बढ़-चढ़कर आगे आएं इसके लिए उसकी खेतों में उत्पादन बढ़ाने में आर्थिक व तकनीकी सहयोग करने से लेकर उसके उ‌त्पादों को लाभकारी मूल्यों पर बिकवाने में भी सरकार अहम भूमिका निभाएगी।

सरकार का मानना है कि गंगा नदी के किनारे के जिलों में उसकी यह योजना आसानी से फलीभूत हो सकती है। क्योंकि गंगा किनारे के इन जिलों में मुख्य रूप से ज्वार, बाजरा व दलहन के अलावा बड़े पैमाने पर तरबूज, खरबूज, खीरा, ककड़ी, व शकरकंदी समेत खूब सब्जियां उगाई जाती हैं। इन फसलों में बहुत अधिक रसायनिक उर्वरकों या अन्य रसायनों का उपयोग अपेक्षाकृत काफी कम किया जाता है। ऐसे में इस पूरे क्षेत्र को जैविक क्षेत्र के रूप में आसानी से परिवर्तित किया जा सकता है। सरकार इसकी जिम्मेदारी शीघ्र ही किसी सरकारी एजेन्सी को सौंपने पर विचार कर रही है।

इन सरकार एजेन्सियों को सौंपी जा सकती है जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश कृषि विविधीकरण योजना (डास्प), उत्तर प्रदेश भूमि सुधार निगम, यूपी एग्रो तथा कृषि विभाग की भूमि संरक्षण इकाई के नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं।

कई अन्य विभाग भी होंगे इसमें शामिल

योजना पूरी तरह से सफल हो इसके लिए कई विभागों को इसमें शामिल किया जाएगा। इसमें कृषि के अलावा उद्यान, पशुपालन, मत्स्य, रेशम, सिंचाई, लघु सिंचाई तथा भूगर्भ जल के नाम प्रमुख रूप से शामिल है।

पहले चरण में इन जिलों में शुरू होगी यह योजना

बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, अमरोहा, हापुड़, बुलन्दशहर, अलीगढ़, संभल, मुरादाबाद, बदायूं, कासगंज, फर्रुखाबाद, शाहजहांपुर, कन्नौज, हरदोई, कानपुर, उन्नाव,रायबरेली, फतेहपुर, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, प्रयागराज, मिर्जापुर, चन्दौली, वाराणसी, गाजीपुर तथा बलिया।

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NAZIM HUSAIN

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