त्यौंथर क्षेत्र के जानता के दिलो मे बसते है कमांडो अरुण गौतम

त्यौंथर क्षेत्र के जानता के दिलो मे बसते है कमांडो अरुण गौतम

रीवा मध्य प्रदेश मध्य प्रदेश

मृतक के सगे संबंधियों के द्वारा नदी नाले में बहाया जाना था शव कमांडो अरुण गौतम जी के द्वारा समझाने पर हिंदू रीत रिवाज से किया गया अंतिम संस्कार
सोहागी के सोनौरी चौकी क्षेत्र अंतर्गत सोनवर्षा गांव स्थित लंबे समय से बंद कॉलेज भवन के छत पर मिले महिला एवं बच्चे के शव की हुई पहचान,… जिसमें महिला की पहचान अनीता हरिजन पति अच्छेलाल हरिजन, बच्चे की पहचान रोहित हरिजन के रूप में हुआ है,… जो टड़हर गांव सोनौरी चौकी क्षेत्र के रहने वाले है,… परिजनों से पूछताछ में जानकारी सामने आई है कि महिला अपने मायका शंकरगढ़ के लिए निकली थी,… घटनाक्रम के पश्चात एक और जानकारी सामने आई है जिसमें महिला का पति भी लगभग तीन-चार वर्षों से लापता बताया जा रहा है,… फिलहाल पुलिस इस गुत्थी को सुलझाने में किस नतीजे तक पहुंचती है आने वाले समय पर ही पता चल सकेगा मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए पुलिस द्वारा त्यौंथर ले जाया गया जहां पर कमांडो सेना प्रमुख कमांडो अरुण गौतम अपने कार्यकर्ताओं के साथ पोस्टमार्टम के बाद मृतक का अंतिम दाह संस्कार के लिए डटे हुए हैं आपको बताते चलें कि जिस तरह में वीडियो में देखने को मिल रहा है कि स्वयं कमांडो अरुणा गौतम ने स्वयं लकड़ियां उठाकर अपने कंधे में रखकर ले जाते हुए नजर आ रहे हैं उसके बाद वहां पर मौजूद कमांडो सेना के सभी लोग लकड़ियां इकट्ठा करके एवं मृत परिवार के लोगों ने भी लकड़ियां इकट्ठा करके जहां पर अंतिम संस्कार करना था वहां पर ले गए और हिंदू रीति रिवाज के अनुसार सूर्य अस्त होने से पहले अंतिम संस्कार किया गया जबकि सगे संबंधियों का कहना था कि पास में ही नदी नाले में बहा देते हैं लेकिन कमांडो अरुण गौतम के हस्तक्षेप से उनको रोका गया और जितना व्यवस्था हो सका अपने से कमांडो अरुण गौतम ने किया और अपने मौजूदगी में अंतिम संस्कार करवाएं साथ में शास्त्री रमाशंकर पांडे भी मौजूद थे आपको बता दें कि कमांडो अरुण गौतम त्योंथर के एक बेमिसाल जाने-माने चेहरे हैं जो गरीबों के मसीहा एवं आदीवासी समाज के बिरसा मुंडा के रूप में जाने जाते हैं हर एक गरीब का आस्था कमांडो से जुड़ा हुआ है गरीबों को एक उम्मीद रहती है l सूत्रों की माने तो त्योंथर तहसील के किसान एवं गरीब चाहे वह किसी भी जाति धर्म का क्यों न हो उनका कहना है कि हमारे साथ कमांडो अरुण गौतम दिन रात हर दुख दर्द में हमारा साया बनकर खड़े रहते हैं l कमांडो अरुण गौतम का कार्य किसानों एवं गरीबों के दिल को जीत लेता है चाहे लड़की की शादी हो या बीमारी से जूझ रहा परिवार हो या फिर गरीबों का दाह संस्कार क्रिया कर्म अर्थी में कंधा देना हो यहां तक कि कमांडो अरुण गौतम आपसी विवाद का समझौता कराकर कोर्ट कचहरी जाने से लोगों को मना करते हैं

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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