मेडिकल कॉलेज होने पर भी चिकित्सा सुविधा देने में पिछड़ा एटा

मेडिकल कॉलेज होने पर भी चिकित्सा सुविधा देने में पिछड़ा एटा जनपद, रिपोर्ट योगेश मुदगल

एटा, । वर्ष 2022 में वीरांगना अवंतीबाई लोधी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय शुरू होने के बाद भी जनपद चिकित्सा सुविधाओं में पिछड़ा हुआ है। आज भी अल्ट्रासाउंड, डिजीटल एक्सरे और प्रसव सुविधा के लिए मरीज इधर-उधर भटकते देखे जा सकते हैं। इमरजेंसी से गंभीर मरीजों को आज भी पूर्व की तरह दूसरे जनपदों को रेफर किया जा रहा है।

जनपद को वर्ष 2021 अप्रैल में मेडिकल कालेज मिल गया। उसके बाद मेडिकल कालेज में आधुनिक सुविधायें देने के नाम पर मिल रही पुरानी सुविधाओं को बंद कर दिया गया। जिला चिकित्सालय के तहत मरीजों को सामान्यतौर पर डिजीटल एक्सरे, अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिल रही थी। जिसको मेडिकल कालेज में सामान्य रोगी और गंभीर रोगी बताकर इन सुविधाओं से वंचित कर दिया गया। मेडिकल कालेज में मरीज को अल्ट्रासाउंड, डिजीटल एक्सरे कराने के लिए भर्ती होना पड़ेगा। उसके बाद ही यह सुविधायें मिल सकेगी। निर्माण कार्य चलने के कारण बरसात के दिनों से ही डिजीटल एक्सरे और अल्ट्रासांड की सुविधा बंद है। गर्भवती महिलाओं के लिए भी अल्ट्रासाउंड की सुविधा वर्तमान में नहीं मिल पा रही है। सामान्य रोगियों को जीवन रक्षक दवायें ही मिल पा रही है। गंभीर रोगों के उपचार को वार्ड में भर्ती होना अनिवार्य कर दिया गया है। वर्ष 2022 में नवंबर माह तक महिला जिला अस्पताल में उपचार लेने आए 75,052 मरीजों में से 7,713 मरीजों को भर्ती कर उपचार दिया गया। इसी तरह पुरुष जिला अस्पताल विंग में 2,51,683 आये मरीजों में से 11,117 मरीजों को भर्ती कर उपचार दिया गया।

सीएचसी-पीएचसी पर 11 माह में 6.68 मरीज उपचार को पहुंचे स्वास्थ्य विभाग से संचालित सीएचसी, पीएचसी पर उपचार लेने के लिए वर्ष के 11 माह में 6,68,340 लोग पहुंचे। जिसमें से 29,515 को भर्ती कर उपचार देने का कार्य किया गया। जिले में संचालित अधिकांश सीएचसी, पीएचसी पर अल्ट्रासाउंड, एक्सरे की सुविधा नहीं है। जिले में अलीगंज, जलेसर में ही मरीजों को एक्सरे की सुविधा मिल पा रही है। जिलेभर से अल्ट्रासाउंड कराने को मरीजों मेडिकल कालेज भेजे जा रहे हैं।

वर्षभर में लगभग 18 हजार मरीज किए गए रेफर स्वास्थ्य विभाग की सीएचसी, पीएचसी से लेकर मेडिकल कालेज से लगभग 18 हजार मरीजों को दूसरे जनपदों के लिए रेफर किया गया। इनमें सड़क हादसों में घायल होने वाले गंभीर मरीजों के अलावा इमरजेंसी में आने वाले मरीज भी शामिल हैं। जिनको चिकित्सकों ने उपचार देने के बजाय रेफर करना ही उचित समझा।
सीएचसी, पीएचसी पर चिकित्सकों की कमी होने के बाद भी रोगियों को उपचार देने का कार्य किया जा रहा है। अल्ट्रासाउंड कराने के लिए मरीजों को मेडिकल कॉलेज भेजा जा रहा है। जिले में दो-तीन स्थानों पर मरीजों को एक्सरे की सुविधा दी जा रही है। जल्द ही चिकित्सा सुविधाओं में और इजाफा किया जाएगा।

डा. उमेश कुमार त्रिपाठी, सीएमओ,एटा

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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