राजस्थान में बिजली संकट, 7 प्लांट बंद पड़े, सर्दी में गर्मी से ज्यादा बिजली की डिमांड, औसत 4 दिन का कोयला मौजूद

राजस्थान में बिजली का पीक लोड बढ़कर 15643 मेगावाट प्रतिदिन हो गया है जबकि उपलब्धता 12572 मेगावाट ही है. 3071 मेगावाट बिजली अधिकतम डिमांड से कल 21 नवंबर को कम पड़ गई. राजस्थान में पिछले साल के मुकाबले 3024 मेगावाट बिजली की डिमांड भी बढ़ गई है. कल यह अधिकतम खपत रिकॉर्ड की गई है. 21 नवंबर 2021 को बिजली की पीक डिमांड 12619 मेगावाट रही थी. 3024 मेगावाट बिजली की डिमांड ज्यादा हो गई है.
इससे पहले 28 जून 2022 को भरी गर्मी में पीक लोड 16012 मेगावाट पहुंचा था. इससे केवल 369 मेगावाट ही अधिकतम डिमांड कम है. बिजली विभाग के सूत्रों की मानें तो अगले कुछ ही दिनों में पीक डिमांड 17757 मेगावाट तक पहुंच सकती है. राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड ने इस फायनेंशियल ईयर में बिजली की डिमांड का आकलन कर राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेरिटी कमीशन को असेसमेंट भी पेश कर रखा है. फरवरी तक रबी फसली सीजन के दौरान यह आंकड़ा छू सकता है. बिजली डिमांड बढ़ने के सबसे बड़ा कारण रबी का कृषि सीजन है जिसमें सरकार ने किसानों को 3 की जगह 4 ब्लॉक में बिजली देना शुरू किया है. पहले सरकार 3 ब्लॉक में बिजली दे रही थी. अब 6 घंटे का एक ब्लॉक बढ़ गया है. इसके अलावा इंडस्ट्रियल लोड भी लगातार बढ़ रहा है. घरों में गीजर और हीटर जैसे उपकरण भी सर्दी में चलने लगे हैं.
बिजली की कमी से निपटने के लिए तीनों बिजली कंपनियां- जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड घोषित-अघोषित तौर पर बिजली कटौती कर रही हैं. 2 से 4 घंटे तक पावर कट प्रदेश में ग्रामीण, कस्बाई और शहरी क्षेत्रों में हो रहा है. कहीं-कहीं मेंटीनेंस के नाम पर भी बिजली काटी जा रही है जबकि पिछले महीने 24 अक्टूबर से पहले दीपावली मेंटीनेंस के नाम पर बड़े स्तर पर मेंटीनेंस वर्क चलाकर 4-4 घंटे की बिजली कटौती की गई थी. अब फिर से लोगों को पावर कट का सामना करना पड़ रहा है.