
*बुंदेलखंड में माफिया मुख्तार मुख्तार अंसारी की प्रॉपर्टी पर ईडी ने मारा छापा: विधायक अब्बास अंसारी के पास जालौन में अरबों रुपए की संपत्ति*
बुंदेलखंड में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के दौरान ईडी को जालौन स्थित दो संपत्तियों के बारे में पता चला है। यह दोनों संपत्तियां मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से विधायक विधायक अब्बास अंसारी के दो मदादगारो के नाम पर हैं। माफिया डॉन मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश विधानसभा में लगातार 5 बार गाज़ीपुर जिले की मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे, वर्तमान में उनके पुत्र अब्बास अंसारी उत्तर प्रदेश विधानसभा में मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं l ईडी को कुछ ऐसे दस्तावेजी सबूत मिले हैं, यह दोनों बेशकीमती संपत्तियां कहीं न कहीं अब्बास अंसारी से जुड़ी हुई हैं।
माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी की कस्टडी रिमांड मिलने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने उससे रात भर पूछताछ की। सबसे खास बात यह रही कि ईडी ने जब उससे बुंदेलखंड की प्रॉपर्टी के लिए आई रकम का स्रोत पूछा तो वह स्तब्ध रह गया। मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के दौरान ईडी को बुंदेलखंड व जालौन स्थित दो संपत्तियों के बारे में पता चला है। यह दोनों संपत्तियां अब्बास के दो मददगारों के नाम पर हैं। ईडी को कुछ ऐसे दस्तावेजी सबूत मिले है l
*अवैध गोदाम के किराये से मिली रकम से खरीदी गई प्रॉपर्टी*
मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के दौरान ईडी को कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं। पता चला है कि मऊ व गाजीपुर में सरकारी जमीन पर कब्जा करके अवैध गोदाम बनवाए गए। यह दोनों गोदाम विकास कंसट्रक्शन के नाम पर बनवाए गए, जिसका कार्यालय रजदेपुर देहाती, गाजीपुर में स्थित था। इस कंपनी के पांच पार्टनर हैं, जिनमें मुख्तार की पत्नी अफ्शा अंसारी व उसकी पत्नी के भाई अनवर शहजाद व आतिफ रजा के अलावा योगेंद्र नारायण सिंह व जाकिर हुसैन शामिल हैं। खास बात यह कि मऊ में बनवाए गए गोदाम को एफसीआई को किराये पर देकर करीब 115 करोड़ रुपये कमाए गए। इस रकम से ही अलग-अलग जगहों पर मुख्तार के परिजनों के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदी गई। इनमें से ही दो प्रॉपर्टी बुंदेलखंड व जालौन की भी हैं।
*बैंककर्मी को भी बुलाया, दिखाया रिकॉर्ड*
पूछताछ के दौरान एक और खास बात यह रही कि ईडी दफ्तर में एक बैंककर्मी को भी बुलाया गया। खातों से जुड़ी जानकारी के कई सवालों पर अब्बास ने अनभिज्ञता जताई। इस पर ईडी अफसरों की ओर से ही बैंककर्मी को बुलाया गया। बैंककर्मी की मदद से खातों में हुए ट्रांजक्शन के बारे में जानकारी मांगी गई। जिस पर उसकी बोलती बंद हो गई।
*बताइए, विकास कंसट्रक्शन से क्यों मिले रुपये ?*
ईडी की टीम ने अब्बास से विकास कंसट्रक्शन के बारे में भी पूछताछ की। इससे जुड़े पहले सवाल पर अब्बास ने यह तो स्वीकार किया कि यह कंपनी उसकी मां व दो मामा के नाम पर है। लेकिन उसने फर्म से अपना कोई संबंध होने की बात से इंकार कर दिया। हालांकि जब ईडी ने उससे पूछा कि फर्म के खाते से उसके खाते में रुपयों का लेनदेन क्यों हुआ तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया।