नॉमिनी नही होता एक मृतक की संपत्ति का असली मालिक . कौन है असली मालिक जानिए क्या है इसके प्रावधान?

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नॉमिनी नही होता एक मृतक की संपत्ति का असली मालिक . कौन है असली मालिक जानिए क्या है इसके प्रावधान?

क्या नॉमिनी संपत्ति का वारिस भी होता है यह एक ऐसा सवाल है जिसके बारें तकनीकी जानकारी कम ही लोगों है. आज हम आपको बताएंगे कि नॉमिनी कैसे संपत्ति के वारिस से अलग होता है.

बहुत से लोग ऐसा सोचते होंगे कि नॉमिनी ही संपत्ति का वारिस होता है जबकि ऐसा नहीं है. नॉमिनी केवल एक ट्रस्टी होता है जो किसी शख्स की मौत हो जाने के बाद बीमा कंपनी, एफडी और प्रॉपर्टी से मिले पैसों को उस शख्स के कानूनी वारिसों तक पहुंचाता है.

किसी शख्स की मौत के बाद उसका परिवार किसी कानूनी पचड़े में फंसे इसलिए नॉमिनी बनाए जाते हैं. नॉमिनी का काम उस व्यक्ति की मृत्यु के बाद ही शुरू होता है जिसके नाम बीमा पॉलिसी या अन्य संपत्ति है.

इंश्योरेंस कंपनी से इंश्योरेंस के पैसे निकालना एक मुश्किल काम है. ऐसे में नॉमिनी के रहने से यह प्रक्रिया आसान हो जाती है.

इंश्योरेंस

इंश्योरेंस एक्ट, 1939 के सेक्शन 39 के अनुसार, इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसी में बताए गए नॉमिनी को पैसा देती है.

नॉमिनी इस पैसे को पॉलिसीधारक की वसीयत में बताए गए कानूनी वारियों में बांटता है.

यदि पॉलिसीधारक ने कोई वसीयत नहीं की है तो उत्तराधिकार कानून लागू होंगे, और उसी हिसाब से पॉलिसीधारक के वारिसों में पैसा वितरित होगा.

प्रॉपर्टी

प्रॉपर्टी के मामले में भी नॉमिनी की कोई महत्वपूर्ण भूमिका नहीं होती. इन मामलों में वसीयत और सक्सेशन लॉ काम करते हैं.

अगर आप किसी कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी में रहते हैं, तो आपका नॉमिनी नियुक्त करना जरूरी है.

मालिक की मृत्यु होने पर हाउसिंग सोसाइटी मृतक के शेयर्स नॉमिनी को देती है जो इनको कानूनी वारिसों को ट्रांसफर करता है.

याद रखें कि हाउसिंग सोसाइटी में प्रॉपर्टी का नॉमिनी खुद इसका वारिस नहीं बन जाता.

बैंक अकाउंट अ न्य इंवेस्टमेंट्स
आरबीआई की गाइडलाइंस के मुताबिक बैंक अकाउंट, म्यूचुअल फंड और अन्य इंवेस्टमेंट्स के मामले में भी नॉमिनी अपने आप इनके मालिक नहीं बन जाते.

इस मामले में नॉमिनी को ही मिलेगी रकम

EPF को लेकर नॉमिनी के नियम अलग हैं यहां रकम नॉमिनी को ही मिलती है.

नियम कहते हैं EPF खाते में आप अपने परिवार के सदस्य के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को नॉमिनेट नहीं कर सकते.

लेकिन आप परिवार के एक से ज्यादा सदस्यों को नॉमिनेट कर सकते हैं और ईपीएफ की रकम उनके बीच बांटने का अनुपात बता सकते हैं.

अगर वसीयत नहीं है तो नॉमिनी किसे देगा संपत्ति

वसीयत न होने की सूरत में संपत्ति का बंटवारा इंडियन सक्सेशन लॉ, हिंदू लॉ और मोहम्मडन लॉ के अनुसार किया जाता है.
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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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