लखीमपुर खीरी हत्याकांड की एक वर्ष पूरा होने पर किसानों की ज्वलंत माँगों के समाधान हेतु प्रदर्शन कर पूरे प्रदेश में ज्ञापन

लखीमपुर खीरी हत्याकांड की एक वर्ष पूरा होने पर किसानों की ज्वलंत माँगों के समाधान हेतु प्रदर्शन कर पूरे प्रदेश में ज्ञापन सोपे

आपको अवगत कराना हैं कि 03 अक्टूबर 2022 को लखीमपुर खीरी हत्याकांड की एक वर्ष पूरा होने पर अखिल भारतीय किसान यूनियन सहित संयुक्त किसान मोर्चा उत्तर प्रदेश के सहयोगी किसान संगठनों के समस्त सम्मानित पदाधिकारी कार्यकर्ताओं ने अपनी अपनी तहसील एवं जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर किसानों ने अवगत कराया कि अपनी माँगों के लिए एक साल से अधिक समय तक दिल्ली की सीमाओं पर धरना दिया गया। लगातार चले विश्वप्रसिद्ध धरने के चलते केंद्र सरकार ने एक आधा-अधूरा समझौता कर किसान विरोधी तीन काले कानूनों को वापस लिया। धरना ख़त्म कराने के समय सरकार ने किसानों की अन्य माँगों को भी मानने का आश्वासन दिया था। इनमें से कोई भी माँग अब तक पूरी नहीं की गई है। वहीं उत्तर प्रदेश में किसान कई अन्य समस्याओं से लगातार जूझ रहे हैं प्रदर्शन के अंत में महामहिम राष्ट्रपती महोदया एवं महामहिम राज्यपाल महोदया के नाम सम्बोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी प्रशासन को सौपा।
उक्त ज्ञापन में निम्नलिखित मांगो को प्रमुख रूप से उठाया गया

  1. लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या के आरोपी आशीष मिश्र के पिता गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी पर हत्या की साजिश का आरोप है, अभी तक अपने पद पर बने हुए हैं। उन्हें तत्काल मन्त्रिमण्डल से बर्खास्त कर गिरफ्तार किया जाए।
  2. लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड के किसान गवाहों को धमकाने की कार्रवाइयों पर रोक लगाई जाए तथा धमकाने वालों पर तत्काल सख़्त कार्रवाई की जाए।
  3. शहीद किसानों को घोषित मुआवजा तत्काल प्रदान किया जाए।
  4. लखीमपुर खीरी की तरह भाजपा समर्थकों द्वारा कासगंज में किसानों पर जानलेवा हमला किया गया‌ एव पुलिस लाठीचाज॔ में सैकड़ों किसान बुरी तरह घायल हुए हैं। कासगंज के दोषियों पर तत्काल कारवाई कर घायलों को मुआवजा दिया जाए एव किसानों पर दज॔ मुकदमे वापस लिए जाए।
  5. सभी फसलों फल, सब्जी, फूल, अनाज, दुग्ध, के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून अतिशीघ्र बनाया जाए।
  6. कृषि -उत्पादों पर लादा गया 20% निर्यात शुल्क तत्काल हटाया जाए ताकि किसानों का उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में आसानी से बिक सके।
  7. गन्ना किसानों को 450 रुपये प्रति कुंतल गन्ने का मूल्य तय करते हुए सुगर मिलो पर बकाया राशि तत्काल ब्याज सहित दिलाई जाए।
  8. बिजली संशोधन विधेयक- 2022 तत्काल वापस लिया जाय तथा किसानों के निजी नलकूपों पर मीटर लगाने की कार्रवाई बंद की जाए।
  9. तेलंगाना जैसे कई राज्यों की तरह खेती के लिए उत्तरप्रदेश के किसानों को भी मुफ़्त बिजली दी जाए।
  10. साजिशन किसानों के खेतों में छोड़े जा रहे जंगली जानवर और आवारा पशुओं से खेती की सुरक्षा की गारण्टी दी जाए।
  11. उत्तर प्रदेश को आधिकारिक तौर पर सूखाग्रस्त घोषित कर सभी पीड़ित किसानों को मुआवजा दिया जाए।
  12. सितम्बर महीने में अतिवृष्टि के चलते किसानों की खड़ी फसल को भारी नुकसान हुआ है। किसानों के नुकसान की भरपाई कर उन्हें समुचित मुआवजा दिया जाए।
  13. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में घोर भ्रष्टाचार व्याप्त है तथा इसका फायदा मुख्यतः बीमा कम्पनियाँ और अधिकारी उठाते है। इस पर रोक लगाकर फसल बीमा की राशि किसानों के खातों में पहुँचाने की समुचित व्यवस्था की जाए।
  14. आवारा पशुओं और जंगली जानवरों से किसानों के खेतों की रक्षा के लिए सरकारी स्तर से उपयुक्त बाड़बंदी की व्यवस्था की जाए तथा इस समस्या का स्थाई समाधान कराया जाए।

15.खेती में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की घुसपैठ पर पाबंदी लगाई जाए तथा स्वदेशी तकनीक आधारित खेती के लिए अनुदान दिया जाए।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से :- राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल संघर्षी, प्रदेश महासचिव रघुवीर सिंह – अरविंद शाक्य, प्रदेश संगठन मंत्री प्रदीप अहीर, जिला उपाध्यक्ष मनदीप यादव – डॉ सुनील यादव, विकास खेड़ा, हाकिम सिंह वर्मा अड़ंगा प्रधान, अरविन्द बघेल, रामनिवास वर्मा, दुर्गेश यादव, रामनिवास फौजी सहित आदि लोग उपस्थित रहे।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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