
मथुरा, फिरोजाबाद, आगरा के 35 पुलिसकर्मियों पर CBI जांच की आंच, सच छिपाने में बोले कई झूठ
मथुरा/फिरोजाबाद/आगरा। झपटमारी से शुरू हुए प्रकरण को फर्जी ढंग से खोलना पुलिस महकमे के गले की फांस बन गया। अपनों को बचाने के लिए झूठ पर झूठ बोलने का खामियाजा ये कि एक-एक कर 35 पुलिसवालों पर जांच की आंच गहरा गई है। अब हाईकोर्ट के आदेश पर मामले की सीबीआई जांच होगी। उधर याची के मथुरा स्थित घर पर कुर्की का नोटिस चस्पा है और याची समेत परिवार ताला लगाकर भूमिगत है।
जब बाइक चोरी दिखाई, तब जेल में थे
जनवरी 2018 में मथुरा के थाना हाईवे में एक युवक पुनीत व साथी ऑटो चालक चेतन पर झपटमारी का मामला दर्ज हुआ। एसओजी प्रभारी हरवेंद्र मिश्रा ने उन्हें पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। चोरी की एक बाइक बरामद दिखाई। बाइक 15 अक्टूबर 2017 को मथुरा के जिला अस्पताल से चोरी बताई गई थी। लेकिन तब आरोपी पुनीत और चेतन जेल में थे। वे 17 अक्टूबर 2017 को जमानत पर छूटे थे। इस फर्जी गुडवर्क की पोल ‘हिन्दुस्तान’ ने ही खोली थी। इसके बाद पुलिस ने समझौते का दबाव बनाया। रिपोर्ट नहीं लिखी। इस पर पुनीत के बड़े भाई सुमित ने पुलिस के खिलाफ सीएम से व मानवाधिकार आयोग में शिकायतें कीं।
मुकदमे में वांछित है आगरा का सिपाही
फिरोजाबाद के रसूलपुर थाने में 24 मार्च 2022 को अज्ञात पर अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ था। किशोरी की मां ने मुकदमा लिखाया था। इसमें सिर्फ एक मोबाइल नंबर खोला गया था। आरेाप था बेटी इस मोबाइल नंबर पर किसी लड़के से बात करती थी। वादी के प्रार्थना पत्र पर मुकदमे की जांच आगरा क्राइम ब्रांच स्थानांतरित हुई थी। इंस्पेक्टर पहुप सिंह को विवेचना मिली थी।
एसपी क्राइम डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि मुकदमे में दीपेंद्र, सुमित और उनकी मां आरोपित हैं। दीपेंद्र आगरा पुलिस लाइन में तैनात है। वह याचिका डालने वाले सुमित का सगा भाई है। मुकदमे के बाद से गैर हाजिर व निलंबित है। विवेचक ने गैर जमानती वारंट लिए। उसके बाद कुर्की की घोषणा की गई। आरोपियों के घर पर नोटिस चस्पा किया गया था। वे कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। इस आधार पर आरोपियों के खिलाफ 174 ए का मुकदमा लिखाया गया। विवेचना के दौरान किशोरी के कोर्ट में बयान दर्ज कराए गए थे। पुलिस को दिए बयान और कोर्ट में हुए बयान के आधार पर दुराचार की धारा बढ़ाई गई थी।
जांच में तत्कालीन एएसपी राजेश सोनकर, विजय शंकर मिश्रा तत्कालीन सीओ, आलोक दुबे तत्कालीन सीओ, प्रीति सिंह तत्कालीन सीओ, निरीक्षक शिवप्रताप सिंह, रामपाल सिंह, अवधेश त्रिपाठी, नितिन कसाना, एसआई प्रदीप कुमार, एसआई अनिल कुमार, राजवीर सिंह, धर्मवीर कर्दम, रामभूल शर्मा, रवेन्द्र मिश्रा, सुल्तान सिंह, प्रदीप कुमार व एसआई विपिन भाटी, आरक्षी करन सिंह, राघवेन्द्र सिंह, हेडकांस्टेबल नरेन्द्र कुमार, प्रमोद कुमार, सुरेन्द्र कुमार, विशाल गौतम, अवनीश कुमार, अभिजीत कुमार, सहित जननंदा, लोकेश भाटी, वसीम अकरम, नितिन कुमार, आर्यन दुबे, हरवीर सिंह, गौतम प्रताप सिंह, चालक सुदेश कुमार हैं।