परिवार नियोजन अपनाएं जीवन खुशहाल बनाए –
-बच्चों में तीन साल का अंतराल रखने के लिए परिवार नियोजन के अस्थाई साधन जरूरी

परिवार नियोजन अपनाएं जीवन खुशहाल बनाए –
-बच्चों में तीन साल का अंतराल रखने के लिए परिवार नियोजन के अस्थाई साधन जरूरी

एटा,

जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के दौरान जिले में 120 महिलाओं व 8 पुरुषों ने नसबंदी को अपनाया है। साथ ही 404 लाभार्थियों ने पीपीआईसीयूडी, 875 ने आईसीयूडी को परिवार नियोजन के विकल्प के रूप में चुना। पखवाड़ा के दौरान 1585 महिलाओं ने अंतरा डोज़ लिया। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ उमेश कुमार त्रिपाठी का। सीएमओ ने बताया कि छाया गोली भी वितरित की गई।

परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ सुधीर कुमार मोहन ने बताया कि जनसंख्या नियंत्रण अभियान के अंतर्गत सभी सीएचसी व पीएचसी, हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर पर परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि महिला व पुरुष नसबंदी के साथ ही कंडोम, आईयूसीडी व पीपीआईयूसीडी, अंतरा व माला-एन आदि परिवार नियोजन के साधनों के बारे में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आशाओं द्वारा लक्षित दंपति को विस्तार से जानकारी दी जा रही है।उन्होंने बताया कि महिला नसबंदी की अपेक्षा पुरुष नसबन्दी आसान व सरल है, पुरुष नसबन्दी बिना टाका चीरा से की जाती है, जिससे कोई परेशानी नहीं होती, पीपीआईयूसीडी लम्बे समय तक अनचाहे गर्भ से सुरक्षा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि माहवारी के प्रारम्भ से लेकर सात दिन के अन्दर भी इसे लगवा सकते हैं। पीपीआईसीयूडी पांच से दस साल तक काम करती है। बच्चों के जन्म में अंतर रखने के लिए यह विधि आसान व सुरक्षित है।

नोडल अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2022 में अप्रैल से अब तक करीब 250 महिला नसबंदी, 23 पुरुष नसबंदी की जा चुकी हैं। साथ ही करीब 1717 महिलाओं ने आईयूसीडी, 1447 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी को परिवार नियोजन के विकल्प के तौर पर चुना है। इसके साथ ही जनपद में करीब 2439 अंतरा इंजेक्शन लगाए गए है। व करीब 5655 छाया गोली वितरित की गई है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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