बारिश से नदी-नाले उफान पर, वनांचल में एक दर्जन गांवों का संपर्क टूटा

बिहारपुर दुरस्थ क्षेत्र में लगातार बारिश के वजह से एक तरफ जहां आम जनजीवन प्रभावित है. वहीं दूसरी ओर सड़कों और अन्य मार्गों पर पानी भर जाने से आम लोगों और वाहन चालकों को मुसीबत झेलनी पड़ रही है. इस कारण कई दुर्घटनाएं भी हो रही हैं, लेकिन पानी भरे रास्तों के अलावा कोई और विकल्प न होने से लोग मजबूर हैं. बिहारपुर क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में भी बीते दिनों बारिश की वजह से नदियां उफान पर आ गईं, जिससे रास्तों पर पानी भर गए. इसी क्रम में सूरजपुर कोरिया को जोड़ने वाला बरंगा नदी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इस वीडियो में एक बाइक को उठाकर कुछ लोग रास्ता पार करते नजर आ रहे हैं यहा के ग्रामीण एक ही नदी को तीन बार पार कर रसौंकी पहुचते हैं

फिलहाल बरगा नदी उफान पर होने से लगभग 15 किलोमीटर दुर ग्रामीणों को कांवर के माध्यम से खाद्यान्न सामग्री ले जाना पड़ता है एवं उफनती नदी को बार-बार पार् करना पड़ता है
बरसात के मौसम में बीमारी भी अधिक बढ़ जाती है और वहां ना तो एंबुलेंस पहुंचती है और न ही कोई अन्य उपचार के साधन हैं
व तहसील थाना स्कूल जनपद पंचायत जिला सहित अन्य कार्यों के लिए एक दर्जन से ज्यादा गांव का संपर्क पूरे बरसात सीजन में टूट जाता है.
बिहारपुर क्षेत्र में रुक-रुक कर हो रही बारिश की वजह से चांदनी बिहारपुर क्षेत्र के उमझर रामगढ़ खोहिर कछवारी महुली मोहरसोप कोल्हुआ अन्तिकापुर बिहारपुर नवगई नवडिया खैरा अंचल जलमग्न हो गया है. खेत, नदी, नाले उफान पर है वहीं, वनांचल क्षेत्र के दर्जनों ग्रामों में आवागमन ठप हो गया है.
पानी कम होने का घंटों इंतजार
बरगा नदी में पुल न होने से बढते जल स्तर से ग्रामीणो को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है क्षेत्र के लोगों को मूलभूत समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है. तो वही कोई पुल न होने से पानी के तेज बहाव है आवाजाही करने वाले ग्रामीणों को पानी कम होने का कई दिन कई घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा. दोपहिया वाहनों को ऊपर उठा कर जान जोखिम में डालकर नदी के बहाव के साथ पार कराते हुए ग्रामीणों को देखा जा रहा है
बरसात के दिनों में सोलर सिस्टम भी हो जाती है ठप्
ज्ञातव्य हो कि प्रभावित क्षेत्र में सोलर सिस्टम के माध्यम से विद्युत आपूर्ति की जाती है जो कि बरसात के दिनों में धूप न निकलने की वजह से पूरी तरह से ठप हो जाती है जिससे ग्रामीणों को अंधेरे में रहना पड़ता है तथा अंधेरा होने की वजह से विभिन्न प्रकार के जंगली जानवरों कीड़े मकोड़े बिच्छू सांप से भी भय बना रहता है