
हर मेडिकल कॉलेज में बनाएं इमरजेंसी के लिए 30 बेड, डग्गामार बसों के संचालन को रोकने पर करें सख्ती : योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि हर मेडिकल कॉलेज में न्यूनतम 30 बेड के इमरजेंसी ट्रॉमा केयर सेंटर का विकास किया जाए। इस दिशा में प्राथमिकता के साथ कार्रवाई की जाए। यातायात विभाग को सशक्त बनाने के लिए पुलिस रेगुलेशन में जरूरी संशोधन भी किया जाए। हर जिले में यातायात विभाग के पास कम से कम एक इंटरसेप्टर जरूर हों। डग्गा मार बसों का संचालन रोकने के लिए सख्ती की जाए।
मुख्यमंत्री गुरुवार को सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम करने के मद्देनज़र पुलिस, ट्रैफिक और परिवहन विभाग के मंत्रियों और आला अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति के असामयिक निधन से पूरा परिवार प्रभावित होता है। यह अत्यंत दुःखद है कि प्रति वर्ष बहुत से लोग थोड़ी सी असावधानी के कारण सड़क दुर्घटनाओं में असमय काल-कवलित हो जाते हैं। यह क्षति न हो इसके लिए हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
सड़क सुरक्षा का चलेगा अभियान
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अनेक अवैध, डग्गामार बसें प्रदेश की सीमा से होकर विभिन्न राज्यों की ओर जा रही हैं। यह बसें ओवरलोड होती हैं। इनकी स्थिति भी जर्जर होती हैं। परिवहन विभाग द्वारा विशेष सतर्कता बरतते हुए ऐसे बसों के संचालन को रोका जाए। इनके परमिट सहित अन्य दस्तावेजों की जांच हो। ओवरलोडिंग के विरुद्ध कठोरता से कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे पर ओवरस्पीड के कारण आए दिन दुर्घटनाओं की सूचना मिलती है। ऐसे में ब्लैक स्पॉट के सुधारीकरण, स्पीड मापन, त्वरित चिकित्सा सुविधा, सीसीटीवी व्यवस्था को और बेहतर किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि राजमार्गों पर ट्रकों की कतारें न लगें। एम्बुलेंस रिस्पॉन्स टाइम को और कम करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि गृह,यातायात, नगर विकास, बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक शिक्षा, स्वास्थ्य, एक्सप्रेस वे प्राधिकरण आदि विभागों को एकजुट होकर कार्य करना होगा। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए समन्वय के साथ बड़ा अभियान चलाया जाए। एक टीम के रूप में बेहतर कार्ययोजना तैयार की जाए। यह कार्ययोजना 6 दिनों में तैयार कर की जाए। अभियान प्रारंभ करने से पूर्व मुख्यमंत्री स्वयं प्रदेश के सभी 734 नगरीय निकायों से संवाद करेंगे। सड़क सुरक्षा अभियान के दूसरे चरण में इंफोर्समेंट की कार्रवाई हो। पूरे प्रदेश में सड़क सुरक्षा के नियमों का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित कराया जाए। इस अभियान के बाद त्रैमासिक सड़क सुरक्षा सप्ताह का कार्यक्रम जारी रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि हर दशा में सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी क्षेत्र में अनफिट, बिना परमिट के स्कूली बसों का संचालन नहीं होगा। यातायात नियमों के संबंध में प्रधानाचार्यों, प्राचार्यों, विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण कराया जाए। अभिभावकों के साथ भी विद्यालयों में बैठक हो। पूर्णतः प्रशिक्षित लोग ही सड़क पर वाहन चलाएं। ड्राइविंग टेस्टिंग प्रणाली के आइटोमेशन की जरूरत है। सभी जिलों में ड्राइविंग टेस्टिंग एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना की जाए। चालान के लंबित प्रकरणों के निस्तारण के लिए लोक अदालतों का माध्यम अपनाया जाए। यातायात विभाग के उच्च अधिकारी फील्ड विजिट करें। शहरों में यातायात प्रबंधन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का आकलन करें।