आपको छोड़कर ऐसे भाग रहे हैं जैसे कि आपके पास अपनी किस्मत आजमाने आए

वो आपको छोड़कर ऐसे भाग रहे हैं जैसे कि आपके पास अपनी किस्मत आजमाने आए थे अगर आप सूबे के मुख्यमंत्री बनते तो आपकी सौ गलतियां माफ होती

आप सरकार में नहीं आए आप की सरकार नहीं बनी तो वो लोग भी बातें बनाने लगे जो सरकार बनने पर आपसे लाभ लेने की आस लगाए बैठे हुए थे ,
जिस समय आप का माहौल अपने चरम सीमा पर बना हुआ था
जब भाजपा व मुख्यमंत्री योगी जी की रैलियों में भीड़ तक नही आ रही थी और सिर्फ लोग आपका ही नाम ले रहे थे ,
आपकी रैलियों में जनता बिना बुलाये लाखो की संख्या में उमड़ रही थी लेकिन “10 मार्च ” को जब परिणाम आया ..

पिछले 17 के चुनाव में भाजपा 31 ℅ वोट शेयर पाकर सत्ता में बहुमत में आ गयी थी , इस 22 के चुनाव में समाजवादी पार्टी आपके नेतृत्व में 1992 के समाजवादी पार्टी के गठन के बाद सबसे ज्यादा 36 % से भी ज्यादा मत प्रतिशत आपको मिला , राज्य कर्मचारियों ल साथ पहली बार आपको मिला ..
यही कारण रहा जो लगभग 100 सीटो पर हम बहुत कम अंतर से हार गए लेकिन आपने सीमित साधन संसाधनों के साथ वो सब कुछ किया जो आप कर सकते थे ,
आप #अकेले इस समर युद्ध में लड़ते रहे बिना डरे दमनकरियो के आगे .

आप साहसी है ,आप निडर है , आप योद्धा है ..

ये आपका ही नेतृत्व था जो इतना मतदान आपके पक्ष में हुआ ,
लेकिन दुर्भाग्य कुछ कमिया जिसमे प्रत्याशी देर से उतारना , कई जगह टिकट काटकर प्रत्यशी बदलना , कई जगह कमज़ोर प्रत्याशी देना व सबसे महत्वपूर्ण देर से #घोषणा_पत्र का आना आदि – जिसके चलते जनता तक हमारा संदेशः पहुच ही नही पाया ,

जब सूबे में सरकार नही बनी तो कुछ लोगों के सुर बदलने लगे और आप के खिलाफ बगावती बोल शुरू कर दिए और आपके अंदर हजारों कमियां निकालनी शुरू कर दी और वह लोग भी आपको कहने लगे जिन्होंने चुनाव में कोई बड़ा योगदान समाजवादी पार्टी कें पक्ष में नही दिया , सिर्फ खानापूर्ति करते रहे इधर उधर घूमते रहे

वे तब चुप थे क्योंकि सरकार बन रही थी , आज बोल रहे है क्योंकि सरकार नही बनी , जो बोल रहे है सार्वजनिक आकर उन्हें अवलोकन करना चहिय – उन्होंने कितनी सभाएं की , कितनी मीटिंग की , कितने लोगों को घरों से निकल कर समझाया , कितनी साइकिल चलाकर पार्टी में योगदान दिया –
आलोचना करना आसान है , भरोसा रखना कठिन है
जो कुछ नही करते वही आसान काम करते है

स्वार्थी भाजपा कार्यालय पर सुबह शाम हाजिरी लगाना और नमस्ते करना शुरू कर दिए (साथियों वक़्त फिर बदलेगा आज नही तो कल)
इसी को समय कहते हैं आदरणीय #अध्यक्ष_जी
आपके साथ 2009 से सक्रिय भूमिका से थे , और आपके साथ आगे भी हम सब रहेंगे ।

आपके नेतृत्व पर पूरा विश्वास है , आप वर्तमान आदर्श राजनीत के आदर्श है – वो गलत है तो हम भी गलत हो जाये समझौता कर ले आपने ऐसा नही किया – भविष्य में जनता इस बात को समझेगी और आपके साथ आएगी ।।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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