
एटा जनपद में कोई पार्टी किसी मुस्लिम व्यक्ति को प्रत्याशी नहीं बना सकती मुस्लिम वोट कितना है क्या इसका एहसास मुस्लिम वोटरों को इन राजनीतिक पार्टियों को नहीं दिलाना चाहिए यदि हमारे मुस्लिम नेता अपना वजूद बनाए रखना चाहते हैं तो उन्हें सोच समझकर किसी भी एक पार्टी को वोट करना चाहिए अब सवाल उठता है कि किसको करें सपा को पिछले 32 सालों से मुस्लिम भाई वोट देते और डालते आ रहे हैं लेकिन जीतने के बाद प्रत्याशी यही कहता है कि हमें मुसलमानों ( कुछ अपशब्दों के साथ ) ने बोट नहीं दिया हम तो अपने बूते पर जीते हैं यही हाल व सपा का है और भाजपा क्यों कहेगी कि हमें मुस्लिम वोट मिला ऐसे हालात में और आज के दौर में हम सभी मुस्लिम भाइयों को चाहिए कि 32 साल से इंतजार कर रही कांग्रेस पार्टी जो सत्ता में आ रही है उसे वोट करें और अपने वोटों की गिनती का एहसास सभी राजनीतिक दलों को करा दें जय कांग्रेस विजय कांग्रेस