सुशासन काल में असुरक्षित हैं विश्वकर्मा समाज एवं बेटियां

बिहार में विश्वकर्मा समाज की बेटियों को जीना दुर्लभ सा हो गया है। विश्वकर्मा समाज के लोग आजादी के उपरान्त जीने को मजबुर है। इस समाज के लिए सबसे काला इतिहास सुशासन बाबु के शासन काल बनकर रह गया है।

सुपौल स्थित निर्मली के विश्वकर्मा समाज की बेटी को गोली मार कर मौत का नींद देकर सुला दिया।
लड़की बेहद संस्कारी, मेहनती और मेधावी थी। वह पढ़ाई कर कुछ विशेष सफलता पाना चाहती थी।
उसका दोष केवल इतना था कि वह मनचले अपराध प्रवृत्ति के यादव लड़कों के एकतरफा प्यार को विल्कुल मना कर दिया और सिर्फ अपने पढाई के प्रति समर्पित रही।

सबसे अहम बात यह है कि उस दुर्दांत अपराधी और किलर को अभी तक पुलिस गिरफ्तार नही कर पायी है।

प्रगतिशील विश्वकर्मा परिषद इस घटना की घोर निन्दा करता है और सरकार से मांग करती है उस परिवार की जान माल की सुरक्षा की गारन्टी के साथ 24 घन्टे के अन्दर अपराधीयों को गिरफ्तार कर जेल भेजे एवं स्पीडी ट्रायल चलाकर कड़ी से कड़ी सजा दे।ऐसा नहीं होता है तो विश्वकर्मा समाज उग्र आन्दोलन करने को बाध्य होगी।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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