किसान बिल वापसी अन्नदाताओं के संघर्ष एवं कुर्बानियों की जीत- राजू आर्य

किसान बिल वापसी अन्नदाताओं के संघर्ष एवं कुर्बानियों की जीत- राजू आर्य

● प्रधानमंत्री के फैसले का खुले दिल से स्वागत, शीघ्र आता फैसला तो बच जातीं सैकड़ों जिंदगियां।

● सरकार की चापलूसी नही जनता की परेशानियां सामने लाने का कार्य करे मीडिया।

एटा।मोदी सरकार ने किसानों की मांग मानते हुए बीते दिन शुक्रवार को तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल सुबह देश के नाम अपने संबोधन में इसका ऐलान किया। बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद से दिल्ली बॉर्डर पर किसानों ने जश्न शुरू कर दिया था।
भारतीय किसान विकास मंच के उ.प्र., उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश के प्रदेश प्रभारी रंजीत कुमार उर्फ राजू आर्य ने प्रधानमंत्री के इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे भारतीय किसानों की जीत बताया है। आर्य ने कहा कि किसान बिलों की वापसी किसान भाइयों की मेहनत-लगन व खून- पसीने के साथ किये गए जी तोड़ संघर्षों का परिणाम है। करीब एक साल के इस कड़े संघर्ष में 700 से अधिक किसान भाई शहीद हो गए थे।किसान भाइयों की इस शहादत का परिणाम किसान बिल वापसी के रूप में देश के समस्त किसानों को मिला है।
आर्य ने कहा वह प्रधानमंत्री जी के बिल वापसी के फैसले का खुले दिल से स्वागत करते हैं। इसके साथ ही आर्य ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने बिल वापसी में काफी देर कर दी जिस वजह से 700 से अधिक किसानों को शहीद होने पड़ा,
यदि ये फैसला शीघ्र लिया गया होता तो शायद शहीद हुए किसान आज बिल वापसी के फैसले के बाद अन्य किसान भाइयों के साथ खुशी मना रहे होते।
आर्य ने मीडिया चैनलों पर तंज कसते हुए अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा की जो मीडिया संस्थान कल तक किसानों के इस आंदोलन को और उनकी मांगों को असंवैधानिक बता रहे थे, वही मीडिया संस्थान आज प्रधानमंत्री के फैलसे के बाद इसे किसानों की जीत बताते हुए उनके हित का फैसला बता रहे हैं। आर्य ने कहा कि मीडिया को देश का चौथा स्तंभ इसीलिए कहा जाता है क्यों कि मीडिया का कार्य है कि वह सरकार तक जनता एवं दबे-कुचले शोषितों की बात को पहुंचाए न कि सरकार की चापलूसी में मशरूफ रहे।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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