लखीमपुर केस में आरोपी आशीष की जमानत अर्जी खारिज, अंकित बोला- किसानों के प्रदर्शन पर बोला था आशीष, चलो उन्हें सबक सिखाते हैं

लखीमपुर कांड के मुख्य आरोपी और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को फिर झटका लगा है. सीजेएम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया. आशीष मिश्रा के वकील ने उसके घटना स्थल पर मौजूद नहीं होने को आधार बनाते हुए जमानत अर्जी दाखिल की थी. इसके खारिज होने के बाद वकील अब जिला जज की अदालत में जमानत अर्जी डालने की तैयारी कर रहे हैं.
वहीं आरोपी अंकित दास के बयानों के बाद बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस का नोटिस मिलने के बाद अंकित क्राइम ब्रांच के दफ्तर पहुंचा. इस दौरान उसके साथ गनर लतीफ उर्फ काले भी था. पूछताछ में अंकित ने बताया कि वारदात से कुछ समय पहले ही राईस मिल पर आशीष मिश्रा उर्फ मोनू भईया मिले थे. उन्हें जब प्रदर्शनकारी किसानों के बारे में उस दौरान बताया तो उन्होंने कहा था कि चलो उन्हें सबक सिखाते हैं. हालांकि घटनास्थल पर और थार जीप में आशीष की मौजूदगी के सवाल पर अंकित और काले ने चुप्पी साध ली. अंकित ने बताया कि वारदात के दिन मैं डिप्टी सीएम केशव मौर्या को रिसीव करने गया था. उसने बताया कि थार के पीछे मैं काली फार्च्यूनर में था जिसे शेखर भारती चला रहा था. उसने बताया कि आगे चल रही जीप किसानों को कुचलते हुए आगे निकल गई.
अंकित ने बताया कि किसानों को कुचलने के बाद जीप पलट गई. जीप को हरिओम मिश्रा चला रहा था. इसके बाद भीड़ ने हमला कर दिया. अंकित ने कहा कि हम घबरा गए थे और गाड़ी से उतर कर मैंने और काले ने भीड़ पर फायरिंग की. इसके साथ ही मौके से भाग निकले. वहीं काले ने बताया कि वो करीब 10 साल से अंकित दास के बॉडीगार्ड और गनर का काम कर रहा हूं.
काले ने बताया कि आगे चल रही थार गाड़ी को हरिओम चला रहा था और उसके पायदान पर दो लोग खड़े थे. वहीं जिस गाड़ी में अंकित था उसे शेखर भारती चला रहा था. काले ने बताया कि अंकित के पास पिस्टल और उसके पास रिपीटर गन है. काले ने भी बताया कि किसानों के घिरने पर उसने उन पर फायरिंग की थी. अब पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान पुलिस अंकित और काले से मोबाइल व हथियार बरामद करेगी.