दस्तक अभियान में चिन्हित किए गए 19 टीबी मरीज –
एटा,02 अगस्त 2021।
जनपद में संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अंतर्गत चलाए गए दस्तक अभियान में जिले की सभी आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर लोगों को टीबी बीमारी के प्रति जागरूक व लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इसमें क्षय रोग के लक्षणों की जानकारी प्राप्त की गई। इस दौरान जनपद में 19 क्षय रोगी चिन्हित किए गए।

नवनियुक्त जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ सर्वेश कुमार द्वारा जनपद में क्षय रोग की स्थिति का मूल्यांकन किया गया।उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 तक जनपद एटा को क्षय रोग मुक्त बनाने के क्रम में शासन के निर्देशानुसार जिले में 12 जुलाई से 25 जुलाई तक दस्तक अभियान चलाया गया था। अभियान के तहत प्रत्येक ब्लॉक में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर घर जाकर सभी लोगों की स्वास्थ्य संबंधी स्क्रीनिंग की गई। इसमें क्षय रोग के लक्षण जैसे दो सप्ताह से अधिक खांसी, खांसी में बलगम आना, बलगम में खून आना, सीने में दर्द, लगातार बुखार, भूख न लगना, वजन कम होना, रात में सोते समय सामान्य की अपेक्षा अधिक पसीना आना आदि के बारे में लोगों से जानकारी ली गई। इन लक्षणों के आधार पर कुल 191 संदिग्ध क्षय रोगी चिन्हित किए गए। जिसमें से 89 चिन्हित लोगों की बलगम की जांच कराई गई। जांच में 89 संदिग्ध रोगियों में 4 रोगी बलगम धनात्मक रोगी पाए गए। जबकि 15 बलगम ऋणात्मक रोगी का उपचार एक्स-रे रिपोर्ट या अन्य रिपोर्टों के आधार पर प्रारंभ किया गया है। इस प्रकार दस्तक अभियान के तहत कुल 19 क्षय रोगी खोजे गए। इन सभी 19 क्षय रोगियों को निक्षय पोषण योजना के तहत लाभ प्रदान किया जा रहा है।
पीपीएम कोऑर्डिनेटर आशीष पाराशरी ने बताया कि दस्तक अभियान के तहत आशा कार्यकर्ताओं द्वारा गृह भ्रमण के माध्यम से लोगों को टीबी के प्रति जागरूक किया गया था। जिनका सुपरविजन जनपद में कार्यरत एसटीएस, एचटीएलएस व टीवीएचडीवी द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि टीबी रोग एक बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है।इसे फेफड़ों का रोग माना जाता है लेकिन यह फेफड़ों से रक्त प्रवाह के साथ शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है। रोग से प्रभावित अंगों में छोटी छोटी गांठ अर्थात ट्यूबरकल्स बन जाते हैं।उपचार ना होने पर धीरे-धीरे प्रभावित अंग अपना कार्य करना बंद कर देते हैं और यह मृत्यु का कारण भी बन सकता है।