पति एवं देवर ने रक्तदान करने से किया इनकार समाजसेवी जनप्रतिनिधि झरकुआ राव साहब टोनी राजा ने रक्तदान कर बचाई महिला की जान
18वीं बार पत्रकार के पुत्र दिलीप गुप्ता ने रक्तदान कर युवक को दिया नया जीवनदान

समाजसेवी राम बिहारी गोस्वामी ने सोशल मीडिया पर रक्तदान की थी अपील
मध्यप्रदेश के पन्ना जिला अस्पताल में भर्ती महिला ज्योति तिवारी पति विजय तिवारी उम्र 35 वर्ष निवासी सिमरी तहसील पवई एवं लोकेंद्र सिंह राजपूत पिता मस्त राम राजपूत उम्र 25 वर्ष निवासी रनवाहा को खून की अत्यंत जरूरत थी। पीड़ित महिला ज्योति तिवारी के पति एवं देवर द्वारा रक्तदान करने से इंकार कर दिया गया था। वहीं पीड़ित युवक लोकेंद्र सिंह राजपूत के पिता मस्त राम सिंह राजपूत का खून अत्यंत कम था जो कि रक्तदान करने में समर्थ नहीं थे। पीड़ित परिजनों मैं ज्योति तिवारी के पिता सेवानिवृत्त शिक्षक नंदकिशोर मिश्रा द्वारा एवं लोकेंद्र सिंह राजपूत के पिता मस्त राम राजपूत द्वारा दूरभाष के माध्यम से जानकारी पन्ना जिले के समाजसेवी राम बिहारी गोस्वामी को दी गयी। समाजसेवी राम बिहारी गोस्वामी द्वारा सोशल मीडिया पर दोनों पीड़ित मरीजों को खून की अत्यंत आवश्यकता के संबंध में संदेश प्रसारित किया गया। व्हाट्सएप पर संदेश पढ़ते ही पन्ना जिले के अमानगंज तहसील क्षेत्र के ग्राम झरकुआ निवासी टोनी राजा उर्फ केसविंद्र सिंह परमार पिता राव साहब सिंह द्वारा ओ पॉजिटिव ब्लड ग्रुप पीड़ित महिला ज्योति तिवारी को स्वेच्छा से रक्तदान किया गया है। समाजसेवी जनप्रतिनिधि केशवेंद्र सिंह टोनी राजा ने कहा कि रक्तदान प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को अवश्य करना चाहिये। रक्तदान से किसी भी प्रकार की कमजोरी बीमारी नहीं होती है। उन्होंने कहा कि उनके जीवन का एकमात्र उद्देश्य है जनता की सेवा करना। और इसी उद्देश्य भावना के साथ हमेशा जरूरतमंद लोगों को स्वेच्छा से रक्तदान किया जाता है। वही रनवाहा निवासी सोकेंद्र सिंह राजपूत को पन्ना जिले के प्रतिष्ठित पत्रकार स्वर्गीय रामाश्रय गुप्ता के पुत्र समाजसेवी दिलीप गुप्ता द्वारा जिला चिकित्सालय पहुंचकर पीड़ित युवक को स्वेच्छा से रक्तदान किया गया। रक्तदान दाता दिलीप गुप्ता ने बताया कि उनके द्वारा अभी तक 18 जरूरतमंद लोगों को रक्तदान किया जा चुका है। रक्तदान करने से जो आत्मिक संतुष्टि प्राप्त होती है उसको बयां नहीं किया जा सकता है। रक्तदान करने से जहां किसी अजनबी व्यक्ति के जीवन को नया जीवनदान दिया जाता है वही रक्तदान दाता को हृदयाघात संबंधी बीमारियों से बचाव होता है। प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को वर्ष में तीन से चार बार रक्तदान अवश्य करना चाहिए और लोगों को इस कार्य के लिए प्रेरित करना चाहिए। इस अवसर पर राजा सिंह महदेले लैब टेक्नीशियन सौरभ गंगेले समाजसेवी राम बिहारी गोस्वामी सहित पीड़ित परिजन मौजूद रहे।