मिशन कर्मयोगी तहत वेबिनार का किया गया आयोजन

लखनऊ। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में दीन दयाल उपाध्याय ग्राम्य विकास संस्थान बख्शी का तालाब, लखनऊ में विभिन्न सरकारी, अर्धसरकारी विभाग /संस्थाओ के अधिकारियों व कर्मचारियों व विभाग व रचनात्मक कार्यों से जुड़े लोगों को प्रशिक्षण देकर उन्हें और अधिक दक्ष व सक्षम बनाने का कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बख्शी का तालाब, लखनऊ द्वारा संस्थान के महानिदेशक एल० वेंकटेश्वर लू की अध्यक्षता में मिशन कर्मयोगी के अन्तर्गत, संस्थान के बुद्धा सभागार में, विशिष्ट अतिथि विक्रान्त तोमर, मोटीवेशनल स्पीकर, उज्जैन, मध्य प्रदेश, श्रीनिवास, आईं आर टी एस , निदेशक आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण केन्द्र, भारतीय रेलवे, अश्विनी कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता, विवेकानन्द मिशन तथा संस्थापक अध्यक्ष मानवोदय सेवा संस्थान लखनऊ की गरिमामई उपस्थिति में एक वृहत बेविनार कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम के अन्तर्गत संस्थान में संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के २२० प्रतिभागी एवं संस्थान के अधीनस्थ प्रदेश के समस्त क्षेत्रीय/जिला ग्राम्य विकास संस्थानों के अधिकारी/ कार्मिक तथा उन संस्थानों द्वारा भी संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के प्रतिभागियों ने आन-लाइन प्रतिभाग किया।
देश के अमृत काल के समय विशिष्ट अतिथि वार्ताकारो द्वारा मिशन कर्मयोगी के अन्तर्गत मुख्य रूप से प्रासंगिक विषय पर बताया गया कि मिशन कर्मयोगी द्वारा देश के सभी प्रशिक्षण संस्थानों में साझा क्षमता एवं संसाधन निर्माण तथा उसमें वृद्धि हेतु क्षमता निर्माण कार्यक्रम की शुरुआत करके सिविल सेवा में आवश्यक सुधार किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के द्वारा प्रशिक्षण के विभिन्न मानकों के मध्य सामंजस्य स्थापित किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य अधिकारियों को अत्यधिक सक्षम बनाना है ताकि वह बदलती हुई सामाजिक आर्थिक चुनौतियों और निरन्तर परिवर्तनशील तकनीकी का सदुपयोग करने में वे सक्षम हो सकें।
महानिदेशक संस्थान एल० वेंकटेश्वर लू द्वारा अध्यक्षीय उद्बोधन के अन्तर्गत बताया कि मिशन कर्मयोगी में वर्णित उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु यह आवश्यक है कि शासकीय अधिकारियों/कार्मिकों के लिए एक समन्वित क्षमता निर्माण हेतु श्रीमद्भागवत गीता के दिशानिर्देशों को अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रमों में समेकित किया जाये क्योंकि इसके कई श्लोकों में कर्मयोगी के आचरण/विशिष्टताएं अवधारित की गयी हैं, जिसमें भयरहित, शुद्धता, ईमानदारी, क्रोधरहित, अनासक्त, शान्ति एवं सद्भाव, लोभरहित, विनम्रता इत्यादि की स्थिति में रहते हुए समभाव से कार्यों का करना समाहित है।
कार्यक्रम के आयोजन एवं प्रबंधन के दृष्टिगत अपर निदेशक सुबोध दीक्षित के मार्ग निर्देशन में संस्थान के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों का अविस्मरणीय योगदान रहा है। कार्यक्रम के अन्त में संस्थान की उप निदेशक डा० नीरजा गुप्ता द्वारा सभी को सारगर्भित धन्यवाद ज्ञापित किया गया तथा संचालन डॉ नवीन कुमार सिन्हा द्वारा किया गया।
राम आसरे

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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