भ्रष्टाचार पर वज्रपात, उत्पीड़न पर प्रहार: भारतीय मीडिया फाउंडेशन का ‘दस्तक’ अभियान 1 अगस्त से!

नई दिल्ली:
भारतीय मीडिया फाउंडेशन (BMF) ने अब आर-पार की लड़ाई का शंखनाद कर दिया है! नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कार्यालय से जारी एक अत्यंत महत्वपूर्ण बयान में, BMF के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव मयंक उपाध्याय ने सभी मीडिया अधिकारियों और पदाधिकारियों को आगामी ‘दस्तक’ अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंकने का निर्देश दिया है। यह अभियान पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के बढ़ते उत्पीड़न के ज्वलंत मुद्दे पर एक ज़ोरदार, निर्णायक आंदोलन की शुरुआत करेगा।

दस सूत्रीय मांगों के साथ अब होगी सीधी टक्कर!

मयंक उपाध्याय ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि 1 अगस्त, 2025 से, भारतीय मीडिया फाउंडेशन अपनी दस सूत्रीय मांगों को लेकर एक साथ ब्लॉक मुख्यालयों, तहसील मुख्यालयों और जिला मुख्यालयों पर दस्तक देगा। संगठन के सदस्य बिना किसी डर के, संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकारों को संबोधित ज्ञापन पत्र सौंपेंगे। यह केवल कागज़ी कार्रवाई नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ एक सीधा और अचूक प्रहार होगा, जिसकी गूँज सत्ता के गलियारों तक पहुंचेगी।
उन्होंने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि देश भर में पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जिस तरह से निशाना बनाया जा रहा है, वह घोर निंदनीय और अस्वीकार्य है। भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने और जनता की आवाज़ बुलंद करने पर उन्हें डराया-धमकाया जा रहा है, और कई बार तो उन पर कायरतापूर्ण जानलेवा हमले भी किए जा रहे हैं। उपाध्याय ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सरकारों के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद भी निचले स्तर पर उत्पीड़न की घटनाएं रुक नहीं रही हैं, जिससे समाज का हर वर्ग असुरक्षित और हताश महसूस कर रहा है।
यह अभियान ऐसे समय में शुरू हो रहा है जब भ्रष्टाचार ने अपनी जड़ें पाताल तक फैला ली हैं – चाहे वह ज़मीन पर अवैध कब्ज़े हों, राजस्व और खाद्य विभागों में व्याप्त अनियमितताएं हों, या ग्रामीण इलाकों में मूलभूत सुविधाओं (जैसे खराब नाली, अतिक्रमण, जर्जर स्कूल भवन) का अभाव हो। इन सभी समस्याओं के बावजूद, अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं, जिससे नागरिकों का न्याय पर से विश्वास उठ रहा है।
BMF का यह ऐतिहासिक अभियान न केवल पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग करेगा, बल्कि प्रशासन में जवाबदेही और पारदर्शिता के लिए भी ज़ोरदार दबाव डालेगा। यह एक सामूहिक शक्ति प्रदर्शन है जो न्याय और सुशासन के लिए संघर्षरत हर व्यक्ति को एकजुट करेगा। मयंक उपाध्याय ने सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से इस अभियान में पूरी ऊर्जा और संकल्प के साथ जुटने और इसे अभूतपूर्व सफलता दिलाने का आह्वान किया है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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