
नई दिल्ली:
भारतीय मीडिया फाउंडेशन (BMF) ने हाल ही में सोशल मीडिया पर तेजी से बढ़ रहे ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स के प्रचार-प्रसार पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक ए. के. बिंदुसार ने गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि इन ऐप्स पर “करोड़पति बनने का सपना” देखने वाले लाखों युवा अपनी पूंजी और भविष्य बर्बाद कर रहे हैं, जिससे उनमें बेरोजगारी बढ़ रही है।
समस्या की जड़: आकर्षक वादों का जाल
बिंदुसार के अनुसार, इन ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स की कार्यप्रणाली बेहद आकर्षक और धोखेपूर्ण होती है। ये ऐप्स युवाओं को लुभावने ऑफर, बड़े पुरस्कारों के वादे और “आसानी से करोड़पति बनने” के सपने दिखाकर अपने जाल में फंसा लेते हैं। युवा, जो अक्सर त्वरित धन लाभ की उम्मीद में होते हैं, इन झांसे में आकर अपनी मेहनत की कमाई और यहां तक कि परिवार की बचत भी इन गेम्स में लगा देते हैं। उन्हें लगता है कि वे रातोंरात अमीर बन जाएंगे, लेकिन हकीकत में वे इन ऐप्स के चंगुल में फंसते चले जाते हैं, जिससे उनका आर्थिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों प्रभावित होता है। अंततः, अधिकांश युवा अपना सब कुछ गंवाकर आर्थिक संकट और बेरोजगारी के दलदल में फंस जाते हैं।
समाधान की आवश्यकता एवं कड़ी कार्रवाई और जागरूकता
भारतीय मीडिया फाउंडेशन ने इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने की मांग की है। भारतीय मीडिया फाउंडेशन ने इन ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स के अनियंत्रित प्रचार-प्रसार पर तत्काल रोक लगाने की अपील की है। उनकी मांग है कि सरकार और संबंधित नियामक एजेंसियां, जैसे कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक, उक्त ऐप्स के खिलाफ कड़ी और प्रभावी कार्रवाई करें। इसमें इन ऐप्स पर प्रतिबंध लगाना, उनके विज्ञापन पर रोक लगाना और ऐसी गतिविधियों में लिप्त कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना शामिल है।
इसके साथ ही, भारतीय मीडिया फाउंडेशन ने युवाओं और उनके अभिभावकों के बीच जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है। उन्हें इन ऐप्स से जुड़े खतरों, वित्तीय जोखिमों और लत लगने की संभावना के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए।
सरकारी पहल और आगे की राह
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत सोशल मीडिया को विनियमित करने के लिए पहले से ही नियम बनाए हैं। इन नियमों के तहत, सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को अपनी साइटों पर मौजूद सामग्री को नियंत्रित करने और उपयोगकर्ताओं की शिकायतों का निपटारा करने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि, भारतीय मीडिया फाउंडेशन का मानना है कि ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स के विशेष खतरे से निपटने के लिए इन नियमों को और अधिक मजबूत और प्रभावी बनाने की आवश्यकता है।
यह एक गंभीर सामाजिक और आर्थिक मुद्दा है जिस पर तत्काल ध्यान देने और ठोस कार्रवाई करने की आवश्यकता है। युवाओं को ऐसे भ्रामक विज्ञापनों और ऐप्स से बचाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित रह सके।