
लखनऊ, उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश में पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं। भारतीय मीडिया फाउंडेशन (बीएमएफ) के संस्थापक ए.के. बिंदुसार ने इस संबंध में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने राज्य में पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के जीवन को खतरे में बताया है।
अपने पत्र में बिंदुसार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उत्तर प्रदेश में पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जो पत्रकार भ्रष्टाचार और गलत कार्यों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, उन्हें लगातार निशाना बनाया जा रहा है। यह स्थिति न केवल स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए एक खतरा है, बल्कि उन सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए भी जोखिम पैदा करती है जो समाज में सुधार के लिए काम करते हैं।
बिंदुसार ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है और उन्होंने इस मामले की कड़ाई से जांच की मांग की है। उनका मानना है कि इन घटनाओं के पीछे के कारणों और दोषियों का पता लगाना अत्यंत आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
उन्होंने डीजीपी महोदय को अवगत कराया कि इस गंभीर संदर्भ में तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। बिंदुसार ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाए जाने की अत्यंत आवश्यकता है। उनका मानना है कि ऐसा कानून पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को उनके काम के दौरान सुरक्षा प्रदान करेगा और उन्हें बिना किसी डर के अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में सक्षम बनाएगा।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन ने इस पत्र के माध्यम से राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन से इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई करने और पत्रकारों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि उत्तर प्रदेश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सामाजिक न्याय के लिए काम करने वालों के लिए एक सुरक्षित माहौल बनेगा।