एम.जे पी. रोहिलखंड में कृषि शिक्षा का नया अध्याय शुरू , बी.एससी. (ऑनर्स) एग्रीकल्चर एवं एम.एससी. एग्रीकल्चर की पढ़ाई शुरू

प्रवेश के लिए समार्थ पोर्टल पर पंजीकरण प्रारंभ प्रवेश के लिए पंजीकरण समार्थ पोर्टल पर प्रारंभ

बरेली : महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली ने शैक्षणिक क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपने मुख्य परिसर में कृषि संकाय की स्थापना कर दी है। विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में पहली बार शैक्षणिक सत्र 2025-26 से बी.एससी. (ऑनर्स) एग्रीकल्चर एवं एम.एससी. एग्रीकल्चर पाठ्यक्रमों की शुरुआत की जा रही है। स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम कृषि के पांच प्रमुख विषयोंः एग्रोनॉमी, जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग (अनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन), प्लांट पैथोलॉजी (पादप रोग विज्ञान), एंटोमोलॉजी (कीट विज्ञान) और हॉर्टिकल्चर (बागवानी) में उपलब्ध हैं। यह पहल रोहिलखंड क्षेत्र में कृषि शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। विश्ववि‌द्यालय का उ‌द्देश्य कृषि क्षेत्र में दक्ष, वैज्ञानिक सोच से युक्त तथा व्यावहारिक ज्ञान से परिपूर्ण युवा तैयार करना है, जो न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर कृषि क्षेत्र में योगदान दे सकें। यह निर्णय विश्वविद्यालय द्वारा कृषि क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने और क्षेत्रीय युवाओं को रोजगार एवं नवाचार की दिशा में अग्रसर करने के उ‌द्देश्य से लिया गया है।

प्रवेश हेतु पंजीकरण समार्थ पोर्टल पर शुरू

बी.एससी. (ऑनर्स) कृषि एवं एम.एससी. कृषि पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए समार्थ पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इच्छुक छात्र Samarth Portal पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। पात्रता, पाठ्यक्रम संरचना, शुल्क विवरण तथा अन्य आवश्यक जानकारी विश्ववि‌द्यालय की आधिकारिक वेबसाइट www.mjpru.ac.in एवं समार्थ पोर्टल पर उपलब्ध है। विश्ववि‌द्यालय प्रशासन ने जानकारी दी है कि कृषि संकाय के लिए आवश्यक सभी सुविधाएं जैसे प्रयोगशालाएं, प्रयोगात्मक खेत, एवं विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रगति पर है, जिससे छात्रों को उच्च स्तरीय एवं व्यावहारिक शिक्षा मिल सके।

बुनियादी ढांचे पर विशेष जोर

विश्वविद्यालय प्रशासन ने कृषि संकाय के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं, स्मार्ट क्लासरूम, कृषि अनुसंधान प्रयोगशालाएं और प्रायोगिक खेत (Experimental Farms) विकसित करने की

प्रक्रिया शुरू कर दी है। अनुभवी और विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति के लिए भी कार्य किया जा रहा है, जिससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षण अनुभव मिल सके।

स्थानीय युवाओं के लिए अवसरों के नए द्वार

यह पहल न केवल विश्ववि‌द्यालय की शैक्षणिक छवि को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी, बल्कि बरेली, पीलीभीत, बदायूं, शाहजहांपुर, रामपुर और आसपास के जिलों के हजारों छात्रों के लिए उच्च गुणवत्ता की कृषि शिक्षा उनके घर के पास ही सुलभ कराएगी। इससे छात्रों को बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, और वे कम लागत में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।

कुलपति प्रो. के. पी. सिंह ने इस अवसर पर कहाः

“रोहिलखंड क्षेत्र की कृषि पृष्ठभूमि को देखते हुए विश्ववि‌द्यालय में कृषि शिक्षा का प्रारंभ अत्यंत आवश्यक था। हमारा उ‌द्देश्य न केवल छात्रों को अकादमिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों, जैविक खेती, स्मार्ट एग्रीकल्चर और उद्यमिता के लिए तैयार करना भी है। इन पाठ्यक्रमों से छात्रों को शोध, सरकारी नौकरियों, निजी कृषि क्षेत्रों तथा स्टार्टअप्स में व्यापक अवसर मिलेंगे। मुख्य परिसर में कृषि पाठ्यक्रमों की शुरुआत विश्वविद्यालय की शैक्षणिक विविधता और क्षेत्रीय विकास की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है।”

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पं.सत्यम शर्मा

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