
देश और विभिन्न प्रदेशों में पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर बढ़ते उत्पीड़न के मामलों को देखते हुए भारतीय मीडिया फाउंडेशन (BMF) ने एक बार फिर अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने का निर्णय लिया है। संगठन का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों तक अपनी आवाज पहुंचाना है।
रिपोर्ट – निशा कांत शर्मा
नई दिल्ली।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक एके बिंदुसार ने कहा कि हम सभी को अपनी आवाज में बुलंद करनी होगी ताकि मीडिया कर्मियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के अधिकार और सम्मान ,सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।
मीडिया पालिका और मीडिया कल्याण बोर्ड के गठन की हमारी मांग है ।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन और इंटरनेशनल मीडिया आर्मी के संस्थापक एके बिंदुसार ने इस पहल का नेतृत्व करते हुए एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को देश में ‘मीडिया पालिका’ की स्थापना करनी चाहिए। इस ‘मीडिया पालिका’ का उद्देश्य मीडिया को एक स्वतंत्र और प्रभावी निकाय के रूप में स्थापित करना होगा, जो लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में अपनी भूमिका निष्पक्ष रूप से निभा सके।
इसके साथ ही, बिंदुसार ने प्रत्येक राज्य में ‘मीडिया कल्याण बोर्ड’ की स्थापना की भी पुरजोर वकालत की है। उनका तर्क है कि ये बोर्ड पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के कल्याण, सुरक्षा और उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए काम करेंगे एवं समय- समय पर सरकार को नीतियां बनाने में सहयोग करेंगे। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने की मांग की है कि इन मीडिया कल्याण बोर्डों में पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं की सार्थक भागीदारी हो, ताकि उनकी समस्याओं और आवश्यकताओं को सीधे उठाया जा सके और समाधान किया जा सके।
एकजुटता का आह्वान करते हुए कहां कि “अपनी आवाज बुलंद करें”
एके बिंदुसार ने देश के सभी मीडिया कर्मियों, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से एकजुट होने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि यह समय अपनी आवाज को एक साथ बुलंद करने और इस अभियान को सफल बनाने का है। उनका मानना है कि जब तक सभी मीडिया संबंधित पक्ष एकजुट होकर अपनी मांगों को मजबूती से नहीं रखेंगे, तब तक सरकारों पर दबाव बनाना मुश्किल होगा।
उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई
यह अभियान ऐसे समय में चलाया जा रहा है जब देश के विभिन्न हिस्सों से पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न, धमकियों और उन पर दर्ज होने वाले फर्जी मुकदमों की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। भारतीय मीडिया फाउंडेशन का मानना है कि इन घटनाओं से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ और समाज सेवा में लगे लोगों का मनोबल गिरता है, और वे स्वतंत्र रूप से कार्य करने में असमर्थ महसूस करते हैं। 14 सूत्रीय मांग पत्र में मीडिया की स्वतंत्रता, पत्रकारों की सुरक्षा, बीमा, पेंशन, कार्यस्थल पर सुरक्षा, और सामाजिक कार्यकर्ताओं के अधिकारों के संरक्षण जैसे मुद्दे शामिल हैं।
इस अभियान के माध्यम से, भारतीय मीडिया फाउंडेशन का लक्ष्य है कि सरकारों को पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूमिका को गंभीरता से लेने और उनके लिए एक सुरक्षित और अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए बाध्य किया जाए।