महिला को नहीं दी जा रही कोरोना जांच की फाइनल रिपोर्ट

महिला को नहीं दी जा रही कोरोना जांच की फाइनल रिपोर्ट

एटा/मारहरा। कस्बा मारहरा की महिला को स्वस्थ्य विभाग की आरबीएस टीम 1 द्वारा कोरोना जांच के नाम पर दो महीने से परेशान किया जा रहा है। आरबीएस टीम की घोर लापरवाही के चलते महिला की सात वर्ष की बच्ची का दुबई में एडमीशन होने से रह गया है। महिला ने शासन से मांग की है कि उसे बार बार जांच के नाम पर सैंपिलिंग करके छह महीने से परेशान करने वाली टीम को हटाया जाऐ।
मारहरा निवासी 32 बर्षीय महिला जो कि पिछले कई सालों से अपने पति के साथ दुबई में रहती हैं जनवरी 2020 में अपनी सात बर्षीय बेटी के साथ दुबई से अपने मायके मारहरा आई थी। तीन महीने के बाद उन्हें पुनः दुबई जाने से पहले ही लाकडाउन होने के कारण मारहरा में ही रूकना पड़ा। लाकडाउन समाप्त होने के बाद जब उन्होंने दुबई जाना चाहा तो फ्लाइट एंट्री के लिए कोरोना रिपोर्ट मांगी गयी। महिला ने पहली रिपोर्ट मारहरा सीएचसी पर करायी थी जोकि पॉजिटिव आने पर महिला को 14 दिन के लिए होम कोरंटीन कर दिया गया उसके बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मिरहची पर भी चार बार सैंपल दे चुकी है। हर सैंपल जाने के बाद रिपीट रिकार्रमेंट मांगा जाने लगा बार बार सैंपल देते देते महिला को चार महीने हो गये लेकिन अभी तक आरबीएस टीम 1 द्वारा फायनल रिपोर्ट नहीं दी जा रही है। जिसकी बजह से महिला की सात बर्षीय बच्ची का दुबई में एडमीशन होने से रह गया है। महिला का कहना है कि कोविड 19 महामारी के समय में भी स्वास्थ्य विभाग की आरबीएस टीम 1 द्वारा कोरोना मरीजों के साथ एक तरह से भददा मजाक किया जा रहा है। जहां एक तरफ महिला के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर सात साल की बच्ची का भविष्य भी वर्बाद करने की कोशिश की जा रही है। महिला की मांग है कि ऐसी लापरवाह टीम को तुरंत हटाया जाऐ।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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