
अब ऊंट आया पहाड़ के नीचे ,
नई दिल्ली -जब जज साहब खुद फस गये तब उनको समझ में आया की हमारे देश की तकनीकी व्यवस्था स्वर्ग या नर्क में ले जा रही है, जब बड़े-बड़े लोग ठगी के शिकार होंगे तब उनको देश के आम जनता की दर्द समझ में आएगी, की आम जनता सरकारों के चक्कर में कितनी-कितनी ठोकरें खाती हैं , और वह दौड़-दौड़ कर परेशान हो जाती हैं उनको न्याय नहीं मिलता है ,
लंबा खेत चल रहा है टोल टैक्स पर फास्ट ट्रैक का , सवाल 100 का नहीं ,सवाल है यह किस तरह से लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं, इंसान 100 ,200 के चक्कर में हजार 2000 लगा देगा और उसे न्याय नहीं मिलती है ,ऐसे खेल आए दिन हो रहे हैं करोड़ों लोग इसके भेंट चढ़ रहे हैं कुछ लोगों को पता चलता है कुछ लोगों को पता भी नहीं चलता है क्योंकि बहुत से लोगों के मोबाइल पर संदेश प्राप्त नहीं होता है जल्दी , कुछ लोग यह कहते हैं कि टोल टैक्स पर पैसा काटा है 2 दिन के बाद आया है उसका मैसेज, एक जज साहब के साथ भी ऐसी घटना हुई उनकी गाड़ी उनके घर में फास्ट ट्रेक उन्होंने अपने अलमारी में बंद करके रखा था उसके बावजूद भी उनके मोबाइल पर संदेश प्राप्त हुआ 100 रुपए का और वह भी उनके घर से 36 किलोमीटर टोल प्लाजा का , जब जज साहब ने पूरी तरह से छानबीन किया तो टोल टैक्स वालों ने स्वीकार किया गलतियां हो जाती हैं या की जाती है यह तो ऐप वाले ही बता सकते हैं ऐसी शिकायत आती है लोग शिकायत करते हैं करवाई कोई नहीं होती है ,