जेलों में सुरक्षित नहीं हैं महिलाएं ?

खरी खरी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रशासन को चुस्त दुरुस्त और तंदरुस्त रखने के लाख प्रयास कर लें , लेकिन प्रशासन में बैठे भ्रष्टाचारी और निकम्मे लोग अपनी हरकतों से मजबूर होकर भ्रष्टाचार का ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करते हैं , जो छुपाए न छुपे और सीधे मुंह पर कालिख पोत दे।

यह रहा ताजा मामला , अब जेल में युवा महिला कैदी हुई गर्भवती

उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के जिला कारागार में गैर इरादतन हत्या के मामले में 20 नवंबर 2024 से निरुद्ध एक 22 वर्षीय युवा महिला कैदी के विगत 25 दिन के भीतर गर्भवती होने का मामला सामने आया है , जबकि यह युवा महिला कैदी महीनों से कारागार में निरुद्ध है। बिना किसी पुरुष के किसी महिला का गर्भवती होना संभव नहीं है , क्या जनपद बस्ती के जिला कारागार का प्रशासन उत्तर देगा कि बस्ती के जिला कारागार में इस युवा महिला कैदी को गर्भवती करने वाला पुरुष कौन है ?

पश्चिम बंगाल की स्थिति सबसे बदतर

पश्चिम बंगाल में वर्ष 2024 से 2025 के मध्य 196 महिला कैदी जेलों में निरुद्ध होने के बाद भी गर्भवती हो गईं , जो पश्चिम बंगाल की जेलों में महिला सुरक्षा की पोल डंके की चोट पर खोल रहा है, लेकिन ये सब भाईचारा वाले नेताओं को विशेषकर उत्तर प्रदेश के न्यायकारी नेताओं को नहीं दिख रहा है , क्योंकि ममता बनर्जी उनसे नाराज न हो जाए। इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं के गर्भवती होने के बाद न्यायालय ने मामले का संज्ञान लिया है । पश्चिम बंगाल की सरकार और पूरा जेल प्रशासन इस समय मौन बैठा हुआ है जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं है।

उत्तर प्रदेश का शासन और प्रशासन नहीं बच सकता अपनी जिम्मेदारी से

पश्चिम बंगाल में विगत 1 वर्ष में 196 महिलाओं के गर्भवती होने के मामले की बात कहकर उत्तर प्रदेश का शासन और प्रशासन बस्ती जिला कारागार में 22 वर्षीय युवा महिला कैदी के गर्भवती होने के कलंक से नहीं बच सकता है ।

पश्चिम बंगाल में जो हुआ वह अत्यंत भयावह और डरावना है , लेकिन इसका उदाहरण देकर उत्तर प्रदेश सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती ।

पहचानिए समाज में जहर बोने वाले अवसरवादी नेताओं को

देश में अवसरवादी नेताओं की फौज भरी हुई है जो घटनाओं का विरोध भी अपने-अपने लाभ के चलते अपने हिसाब से करते हैं। ये उन्हीं घटनाओं का विरोध करते हैं जिनसे इनका वोट बैंक बढे।

ऐसे नेताओं की दो प्रमुख वैरायटी हैं

पहली वैरायटी ऐसी है जिसे केवल उत्तर प्रदेश में हो रहे अपराध दिखाई देते हैं लेकिन पश्चिम बंगाल में हुए इतने बड़े मामले पर पूरी तरह चुप रहेंगे , बोलेंगे नहीं ।

ऐसे अवसरवादी नेताओं की दूसरी वैरायटी ऐसी है जिन्हें केवल पश्चिम बंगाल में हो रहे अत्याचार दिखाई देते हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में हो रहे भ्रष्टाचार पर उनकी जीभ चिपक जाती है और बेचारे कुछ नहीं बोल पाते।

निष्कर्ष
पश्चिम बंगाल में हुए इतने बड़े मामले पर न्यायालय को संज्ञान लेना पड़ा यह सरकार की विफलता और निकम्मेपन को बताता है ,
लेकिन उत्तर प्रदेश में तो रामराज्य है अब देखना है कि इस रामराज्य में बस्ती जिला कारागार में गर्भवती हुई युवा महिला कैदी प्रकरण में दोषी को सजा मिलती है या मजा ।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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