
प्रयागराज। महाकुम्भ नगर, लाखों श्रद्धालु जहां है वही थम गए हैं। भयंकर भीड़ और उतनी ही भयंकर बदइंतजामी है। 20 – 20 किमी पैदल चलने के बाद भी कुंभ क्षेत्र में एंट्री नहीं हो रही।
श्रद्धालुओं को जानकारी देने वाला कोई नहीं। किसी के पास कोई जानकारी नहीं की कौन सा रास्ता खुलेगा और कब तक बंद रहेगा।
कुंभ में तैनात दो आईपीएस अधिकारियों ने पूरी व्यवस्था को अपनी निजी जागीर बना ली है।
एंट्री प्वाइंट पर दरोगा सिपाही लेवल के पुलिस वाले तैनात है जो केवल पुलिस अधिकारियों के प्रोटोकॉल युक्त वालों परिजनों को डायरेक्ट एंट्री दे रहे है। बाकी आम आदमी के लिए सब बंद है।
माइक से ऐलान हो रहा है जहां जो घाट दिखे वहीं स्नान करो और लौट जाओ।
बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे ठक्कर बेहाल हैं। पानी पीने का तक की व्यवस्था नहीं है।
सबसे नरकीय स्थिति नागवासुकी मंदिर के पास है। वहां बदइंतजामी सबसे चरम पर है। आम आदमी के लिए कुंभ क्षेत्र घुसना ही दिवा स्वप्न हो गया है।
शासन स्तर पर कोई मॉनिटरिंग नहीं होने से पूरी मेला व्यवस्था ध्वस्त पड़ी है।
राम आसरे