
प्रयागराज।संगम की धरा पर 13 जनवरी से भव्य महाकुंभ शुरू है।महाकुम्भ देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।महाकुम्भ में देश के कोने-कोने से साधु-संत और कई तरह के बाबा पहुंच रहे हैं जो अपने अनोखे अंदाज से सुर्खियों में बने हुए हैं।इन्हीं में से एक पहलवान बाबा के नाम से मशहूर राजपाल सिंह चर्चा का केंद्र बने हुए हैं।पहलवान बाबा युवाओं को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्रेरित करते हैं और उन्हें नशे औल बुरी आदतों से दूर रहने का संदेश दे रहे हैं।
50 वर्षीय पहलवान बाबा कई तरह के मुश्किल योग आसानी से करते हैं। पहलवान बाबा महाकुंभ में अक्सर कसरत करते हुए नजर आते हैं।गले में रुद्राक्ष की माला,सिर्फ पर भगवा साफा और एक धोती पहने पहलवान बाबा दिनभर कसरत में लगे रहते हैं।
पहलवान बाबा ने कहा कि मेरा उद्देश्य युवाओं को जागृत करना,नशा उन्मूलन करना,सभी को स्वस्थ बनाना और भारत को विश्वगुरु बनाना है। मेरी उम्र 50 साल है और मैं एक हाथ से 10,000 पुश-अप कर सकता हूं। अगर मैं इस उम्र में इतनी मेहनत कर सकता हूं, तो मेरा उद्देश्य युवाओं को जागृत करना है कि वे इससे चार गुना ज्यादा कर सकें। गलत संगत में पड़ने की वजह से युवा नशे के आदी हो गए हैं। मैं सभी से अपने माता-पिता की बात मानने, संतों और बड़ों का सम्मान करने के लिए कहता हूं।
पहलवान बाबा ने कहा कि हम जहां भी जाते हैं वहीं युवाओं को जगाने का काम करते हैं। 50 साल की उम्र है मैं चक्री दंड लगा लेते हैं और फुटबॉल के उपर हैंडस्टैंड कर लेता हूं। पहलवान बाबा ने कहा कि आज का युवा बहुत भटका हुआ है,गलत संगत में पड़ने,खाने और देखने की वजह से कमजोर हो चुके हैं और नशे की लत बढ़ चुकी है।घर का देसी भोजन खाइए, माता पिता के आज्ञा का पालन करिए और संतों का सम्मान करिए आप भी मेरी तरह स्वस्थ हो जाएंगे। मैंने 50 साल की उम्र में एक ऐसा माहौल बनाया है कि मैं जहां भी जाता हूं वहां अपनी बॉडी, प्रदर्शन दिखाकर युवाओं को जागरुक करता हूं।
पहलवान बाबा ने कहा कि मेरे पास रोजाना लोगों के फोन आते हैं और लोग कहते हैं कि मैंने बीड़ी,सिगरेट,शराब पीना छोड़ दिया है और जिम जा रहे हैं कसरत कर रहे हैं। पहलवान बाबा ने कहा कि बहुत सालों पहले मेरे दशभक्तों ने कुर्बानी दी। भगत सिंह,चंद्रशेखर आजाद ने कुर्बानी दी। उस समय जान की कुर्बानी देनी पड़ती थी। आज जान की कुर्बानी नहीं देनी होगी। बस थोड़े स्वाद की कुर्बानी देनी होगी। बाहर का खाना मत खाइए,फास्ट फूड मत खाइए,माता पिता और संतों का सम्मान कीजिए आप स्वस्थ रहेंगे।