मंत्री ए0 के0 शर्मा विगत तीन दिनों से प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं व तीर्थयात्रियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं, सुरक्षा, स्वच्छता व साफ सफाई की व्यवस्था को उच्चकोटि के बनाने के लिए किया निरीक्षण, अधिकारियों को दिये जरूरी निर्देश
महाकुंभ 2025 श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की संख्या के दृष्टि से विश्व के किसी भी धार्मिक उत्सव व अन्य बड़े आयोजनों से ज्यादा महत्वपूर्ण, आस्थावान एवं अलौकिक
मेला क्षेत्र में कल्पवास कर रहे साधु संतों, शंकराचार्यों, जगतगुरूओं से मिलकर उनका आशीर्वाद लिया और महाकुम्भ की व्यवस्थाओं को लेकर उनके सुझाव भी जाने
महाकुम्भ की दिव्यता, भव्यता, सुरक्षा, स्वच्छता, सुंदरीकरण, लाइटिंग और हरियाली आदि व्यवस्थाओं की प्रशंसा देश विदेश से आये श्रद्धालु कर रहे
महाकुंभ-2025 अभी तक आयोजित किये गये सभी महाकुंभ से सबसे दिव्य, भव्य, स्वच्छत, सुंदर, सुरक्षित व अलौकिक
मंत्री ने देश विदेश के सभी श्रद्धालुओं एवं तीर्थयात्रियों को महाकुंभ की दिव्यता, भव्यता व अलौकिकता के दर्शन करने तथा पवित्र त्रिवेणी के संगम में स्नान करने के लिए आमंत्रित किया
प्रयागराज। कुम्भ नगर, उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए0 के0 शर्मा विगत तीन दिनों से प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र में लगातार श्रद्धालुओं व तीर्थयात्रियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं, सुरक्षा एवं स्वच्छता व साफ सफाई का निरीक्षण कर रहे और संबंधित अधिकारियों को साफ सफाई एवं व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त बनाये रखने के जरूरी निर्देश भी दे रहे हैं। उन्होंने प्रातःकाल निकलकर कुम्भ मेला क्षेत्र और शहर की सफाई व्यवस्था का भी जायजा लिया।
नगर विकास मंत्री ने कुम्भ की व्यवस्थाओं का फीडबैक लेने के लिए मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं से मिले और मेला क्षेत्र में कल्पवास कर रहे साधु संतों, शंकराचार्यों, जगतगुरूओं से मिलकर उनका आशीर्वाद लिया और महाकुम्भ की व्यवस्थाओं को लेकर उनके सुझाव भी जाने। मंत्री ए0 के0 शर्मा मंगलवार को निर्वाणी अखाड़ा के महामण्डलेश्वर श्री कैलाशानंद जी महाराज, शाम्भवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंदस्वरूप महाराज, शंकराचार्य जगन्नाथपुरी स्वामी निश्चलानंद महराज, जगदगुरू स्वामी रामभद्राचार्य, सिद्धपीठ माता शाकुम्बरी देवी पीठाधीश्वर आशुतोष महराज से मिले तथा वहां पर स्थापित विभिन्न देव स्थानों, मंदिरो में जाकर पूजा अर्चना की।
उन्होंने कहा कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन होने वाले शाही स्नान में सबसे ज्यादा 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इतनी बड़ी भीड़ के समुचित व्यवस्थापन के लिए आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। साथ ही इन व्यवस्थाओं की जमीनी हकीकत परखी जा रही है, जिससे कि कहीं पर भी कमी या चूक की गुंजाइश न रहे। महाकुम्भ की दिव्यता, भव्यता, सुरक्षा, स्वच्छता, सुंदरीकरण, लाइटिंग और हरियाली आदि व्यवस्थाओं की प्रशंसा देश विदेश से आये श्रद्धालु कर रहे। इसके लिए सभी सफाई कर्मी एवं व्यवस्था में लगे अन्य सभी कार्मिक बधाई के पात्र हैं। इनके परिश्रम से देश की सांस्कृतिक विरासत को पूरी दुनिया में पहचान मिल रही है। उन्होंने कहा कि इस बार का महाकुंभ-2025 अभी तक आयोजित किये गये सभी महाकुंभ से सबसे दिव्य, भव्य, स्वच्छत, सुंदर, सुरक्षित व अलौकिक है। नगर विकास विभाग महाकुंभ की व्यवस्थाओं के लिए नोडल विभाग होने से जिम्मेदारियां भी अधिक हैं। चाहे ट्रैफिक की व्यवस्था हो या फिर मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी, सुरक्षा एवं स्वच्छता आदि की जिम्मेदारी नगर विकास विभाग की है।
नगर विकास मंत्री ने कहा कि महाकुम्भ भारत की धार्मिक, सांस्कृतिक, अध्यात्मिक विरासत का संगम व सनातन के धरोहर का अनमोल उपहार है। तीर्थराज प्रयाग की धरती के पावन त्रिवेणी संगम पर हजारों वर्षों से कुम्भ मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री के आशीर्वाद एवं मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश सरकार पूर्वांचल के विकास सहित प्रदेश के सभी पौराणिक तीर्थस्थलों, धरोहरों, धार्मिक विरासत का उद्धार एवं पुनर्निर्माण कर रही है। प्रयागराज में भी दर्जनों धरोहर हैं, जिनका पिछली सरकारों ने उपेक्षा किया और विकास के नाम पर विगत 70 वर्षों से एक ईंट भी यहां पर नहीं लगायी। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में नागवासुकी मंदिर, संगम तट पर लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर, अक्षयवट, भरद्वाज ऋषि आश्रम, श्रृंगवेरपुर में निषादराज का स्थल आदि सभी धरोहरों का महाकुम्भ-2025 को लेकर कायाकल्प किया गया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ 2025 श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की संख्या के दृष्टि से विश्व के किसी भी धार्मिक उत्सव व अन्य बड़े आयोजनों से ज्यादा महत्वपूर्ण, आस्थावान एवं अलौकिक है। उन्होंने देश विदेश के सभी श्रद्धालुओं एवं तीर्थयात्रियों को महाकुंभ की दिव्यता, भव्यता व अलौकिकता के दर्शन करने तथा पवित्र त्रिवेणी के संगम में स्नान करने के लिए आमंत्रित किया।
राम आसरे