बरेली
:: अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ परिवार के तत्वावधान में स्वामी विवेकानंद जी की 161 वीं जयंती स्थानीय पांचालपुरी में प्रदेश उपाध्यक्ष योगेश जौहरी के संयोजन में विचार गोष्ठी, कवि गोष्ठी एवं सम्मान कार्यक्रम आयोजित कर राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाई गई जिसकी अध्यक्षता साहित्यकार रणधीर प्रसाद गौड़ धीर ने की ।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ माॅं शारदे एवं स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।
इस अवसर पर युवा कवि अमित मनोज सक्सेना को विवेकानंद सम्मान- 2025 से विभूषित किया गया सम्मान स्वरूप शाॅल, प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह संस्था द्वारा प्रदान किया गया।
सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट ने कहा कि स्वामी विवेकानंद महान संत थे उन्होंने लोगों को अध्यात्म एवं वेदांत से परिचित कराया। अपने ज्ञान एवं शब्दों द्वारा पूरे विश्व में हिंदू धर्म के प्रति लोगों का नजरिया बदला। अल्प समय में उन्होंने इतना काम करके दिखाया जो अभूतपूर्व कहलाया।
प्रदेश उपाध्यक्ष योगेश जौहरी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने शिकागो की विश्व धर्म महासभा में हिंदू धर्म पर अपने वक्तव्य से सभी को प्रभावित किया और दुनिया भर में हिंदू धर्म का प्रचार- प्रसार किया। हमारे लिए गर्व की बात है कि उन्होंने कायस्थ कुल में जन्म लिया।
साहित्यकार रणधीर प्रसाद गौड़ धीर ने कहा कि आज पूरा देश स्वामी विवेकानंद जी की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मना रहा है देश के युवाओं को स्वामी विवेकानंद जी से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।
द्वितीय सत्र में कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें कवियों ने स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व एवं जीवन- दर्शन पर अपनी रचनाओं के माध्यम से प्रकाश डाला।
वरिष्ठ कवि बृजेंद्र तिवारी अकिंचन ने विवेकानंद जी के प्रति अपना दोहा इस प्रकार प्रस्तुत किया –
भारत की रूपाक्षरी संस्कृति रूपक छंद
ज्ञान रूप साक्षात् थे संत विवेकानंद।
कार्यक्रम में जगदीश निमिष, दीपक मुखर्जी दीप, सुभाष राहत बरेलवी, रामकुमार अफरोज, अश्वनी कुमार तन्हा, उमेश अद्भुत अभिषेक अग्निहोत्री, राजकुमार अग्रवाल, शंकर स्वरूप सक्सेना, समीर बिसारिया, राकेश सक्सेना आदि उपस्थित रहे। संचालन मनोज टिंकू ने किया।