नईगढ़ी, मऊगंज।
मध्यप्रदेश के नवीन जिले मऊगंज के नईगढ़ी थाना क्षेत्र से खाकी वर्दी की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। नईगढ़ी थाने में पदस्थ ASI तीरथ साकेत पर फर्जी कार्यवाही करने और पत्रकार को धमकाने का गंभीर आरोप लगा है। घटना की शुरुआत तब हुई जब नईगढ़ी पुलिस द्वारा अवैध शराब बिक्री के शक में ग्राम गढ़वा में दबिश दी गई। हालांकि, पुलिस के हाथ कुछ भी ठोस सबूत नहीं लगा। इसके बावजूद ASI तीरथ साकेत ने हिमांशु सिंह पर आबकारी अधिनियम की धारा 34(1) के तहत मामला दर्ज कर लिया और 30 पाव शराब बरामद करने का दावा कर मीडिया को गुमराह किया। जब पत्रकार आर्यन जायसवाल ने इस फर्जी कार्यवाही को उजागर कर सच्चाई सामने लाने की कोशिश की, तो ASI तीरथ साकेत ने आपा खो दिया। आरोप है कि देर रात शराब के नशे में ASI ने पत्रकार आर्यन जायसवाल को धमकी दे डाली और अपनी वर्दी का रौब दिखाते हुए उन्हें चुप रहने की चेतावनी दी। इस घटना ने पूरे पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब खाकी वर्दी को कानून का पालन कराने के बजाय अपराधियों का संरक्षण देने और पत्रकारों को डराने-धमकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, तो यह वर्दी की गरिमा को ठेस पहुंचाने जैसा है। ग्रामीणों और जागरूक नागरिकों का कहना है कि इस मामले में अब तक किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा कार्रवाई न करना यह दर्शाता है कि सत्ता और नशे में चूर कुछ वरिष्ठ अधिकारी इस पूरे प्रकरण में चुपचाप अपराधियों का साथ दे रहे हैं। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि ASI तीरथ साकेत जैसे अधिकारी खुलेआम अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं। यह गंभीर स्थिति है कि कानून की रक्षा करने वाली खाकी वर्दी अब अपराधियों की ढाल बन गई है। इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जब खाकी वर्दी पर कार्रवाई नहीं होती, तो जनता न्याय की उम्मीद किससे करे? वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की चुप्पी और कार्रवाई की कमी यह दिखाती है कि सिस्टम में गहरी समस्याएं हैं। स्थानीय नागरिकों और पत्रकारों ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच और ASI तीरथ साकेत के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि खाकी वर्दी पर लगे इस दाग को हटाया नहीं गया, तो यह पूरे पुलिस प्रशासन की साख पर सवालिया निशान लगाता रहेगा।