हलवाई बना पत्रकार रिफाइंड की मिठाई में लगा रहा देशी घी का एसेंस

घंटाघर का हलवाई बना पत्रकार रिफाइंड की मिठाई में लगा रहा देशी घी का एसेंस

एटा जनपद में पत्रकार दे रहे हैं अवैध कारोबारियों को संरक्षण


एटा। कभी ऐसी कल्पना भी नहीं की थी कि मिशन बनी पत्रकारिता को उसी के लोग इतना कलंकित कर देंगे कि मिशन मानकर पत्रकारिता करने वाले लोग माफियाओं के खिलाफ कलम चलाने से तौबा करने लगेंगे। एटा नगर ही नहीं पूरे जनपद में अवैध कारोबारियों को जहां राजनीतिक लोग संरक्षण दे रहे हैं तो खुद को जबरन पत्रकार के रूप में स्थापित करने वाले लोग भी संरक्षण प्रदान कर धन उगाही में लगे हुए हैं। ऐसे तथाकथित पत्रकार एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों की संख्या में जनपद भर में भ्रमण कर रहे हैं। इनकी कार्य शैली से प्रिंट मीडिया के पत्रकारों और विज्ञापन प्रतिनिधियों के कार्य करने में कठिनाई ही नहीं आ रही है बल्कि पत्रकार के रूप में अपना परिचय देते ही जान बचाने के लाले पड़ रहे हैं।

यह स्थिति ऐसे ही अचानक पैदा नहीं हुई है इसके लिए जनपद में हर समय दौड़ती फर्जी पत्रकारों की फौज दोषी है तो वहीं कुछ समाचार पत्रों के सम्पादक गण भी दोषी हैं। बिना अखबार और चैनल के फर्जी पत्रकार मानक विहीन अस्पताल, नर्सिंग होम, बिना डिग्री धारक और झोलाछाप डाक्टरों को संरक्षण प्रदान कर रहे हैं। फर्जी पत्रकार मानक विहीन अस्पताल संचालन करने वाले लोगों में यह कहकर दु:साहस पैदा कर देते हैं कि मैं जिले का सबसे बड़ा पत्रकार हूं, मेरे समान कोई नहीं है। तुम बेफिक्र होकर काम करो बाकी मैं देख लूंगा। पत्रकार के नाम से कोई आए तो मेरा नाम बता देना कि वह हमारे रिश्तेदार अथवा भाई हैं।
गत सप्ताह अवागढ़ में दैनिक राष्ट्रीय कोहिनूर के सम्वाददाता के सामने ऐसी ही परिस्थितियां आईं। शिव कुमार नामक व्यक्ति डाक्टर बन कर क्लीनिक चला रहा था जो किसी भी मानक और दृष्टिकोण से सही नहीं कहा जा सकता। मानक विहीन क्लीनिक चलाने वाले व्यक्ति में इतना दु:साहस उन लोगों ने भर दिया जिनके पास न कोई अखबार है और न चैनल, सिर्फ वाट्स अप और फेसबुक पर वीडियो डाल कर स्वयं को पत्रकार साबित कर रहे हैं इतना ही नहीं वह अन्य पत्रकारों से बातचीत कर यह अवगत करा देते हैं कि इस अवैध कारोबार का संरक्षणदाता मैं हूं। ऐसे फर्जी पत्रकार हजारों रुपए प्रतिदिन अवैध कारोबारियों से उगाही कर रहे हैं। कुछ सम्पादक गणों ने अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए कुछ कारोबारियों को ही अपना सम्वाददाता बना डाला है। सम्वाददाता बने कारोबारी और व्यापारी समाचार लिखना तो जानते ही नहीं हैं बल्कि पत्रकार का तमगा मिलते ही धड़ल्ले से अवैध कारोबार करने में लग जाते हैं। घंटाघर पर शुद्ध देशी घी की मिठाईंयां बेचने वाले मशहूर मिष्ठान भंडार स्वामी के दो परिजन पत्रकार बना दिए गये हैं जो पत्रकारिता की आड़ लेकर बहुत दिनों से रिफाइंड में देशी घी की खुशबू मिला कर धड़ल्ले से मिठाई के भाव 500 रूपए किलो गत्ता (डिब्बा) भी बेच रहे हैं किसी अधिकारी की क्या मजाल है कि हलवाई से पत्रकार बने मिष्ठान कारोबारी के यहां छापा मारकर 500 रूपए किलो रिफाइंड और गत्ता की बिक्री रोक सके।

पत्रकारिता की बिगड़ती स्थिति के लिए वह पत्रकार भी दोषी हैं जो अपने अधिकारों का हरण होता हुआ देखकर भी मौन हैं।मदन गोपाल शर्मा

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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