दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल ने की मुहब्बत मे दगा.. फिर  किया महिला सिपाही का कत्ल, लाश को 2 साल तक ‘जिंदा’ रखा

*दृश्यम से भी खतरनाक कहानी?*

*दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल ने की मुहब्बत मे दगा.. फिर  किया महिला सिपाही का कत्ल, लाश को 2 साल तक ‘जिंदा’ रखा.*

दिल्ली में एक महिला सिपाही की मर्डर मिस्ट्री से 2 साल बाद राज खुला है.इस महिला का कत्ल करने वाला कोई और नहीं बल्कि खुद दिल्ली पुलिस का ही हेड कॉन्स्टेबल निकला.इस कहानी में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर, प्यार, धोखा, कत्ल और आखिर में लाश को जिंदा रखने की अजीब कहानी है।लेकिन अंत में उस महिला सिपाही का सिर्फ कंकाल मिलता है. मर्डर के बाद जिस तरह से फिल्म दृश्यम में नकली कहानी बनाई गई उससे भी कहीं ज्यादा इस मिस्ट्री को बरकरार रखने के लिए उस पुलिसवाले ने कहानी बनाई. ऐसी कहानी जिसमें खुद कई महीनों तक दिल्ली पुलिस चकमा खाती रही. लेकिन आखिरकार हर कातिल के कत्ल की कहानी एक ना दिन सामने आती ही है. दिल्ली पुलिस ने जब इस मर्डर मिस्ट्री से पर्दा उठाया तो उनके ही विभाग का हेड कॉन्स्टेबल निकला।

कहानी की शुरुआत साल 2019 से होती है। उस समय दिल्ली पुलिस की एक महिला सिपाही रुचिका की मुलाकात हेड कॉन्स्टेबल सुरेंद्र से होती है.सुरेंद्र साल 2012 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था. वो शादीशुदा था और पत्नी के साथ दिल्ली के अलीपुर में रहता था.जबकि महिला सिपाही बुलंदशहर की रहने वाली थी. लेकिन सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहती थी. यहीं से उसका सिलेक्शन दिल्ली पुलिस में हुआ था. ड्यूटी के दौरान दोनों में दोस्ती और फिर प्यार हो गया.
दोनों में काफी नजदीकी भी रही, इसके बाद महिला सिपाही उसी सुरेंद्र से शादी करने की बात कहने लगी. लेकिन सुरेंद्र जो पहले खुद को कुंवारा बताता था असल में वो शादीशुदा था, लेकिन ये बात उस महिला सिपाही से छुपाई थी. लेकिन महिला सिपाही ने सुरेंद्र के बारे में अपने घर पर भी बता दिया था कि वो उससे प्यार करती है और शादी करना चाहती है. परिवार के लोग तैयार भी हो गए थे।

दो साल तक प्यार और शादी तक पहुंचने के बाद भी सुरेंद्र ने अपना राज छुपाए रखा. इस बीच एक दिन अचानक महिला सिपाही ने सरप्राइज देने का प्लान बनाया. वो सुरेंद्र के अलीपुर वाले घर के पास पहुंच गई और उसे फोन किया।किसी तरह जल्दबाजी में गाड़ी लेकर महिला सिपाही के पास पहुंचा।उस महिला सिपाही ने उससे अपने घर ले जाने के लिए कहा. इस पर वो बार-बार बहाने बनाते रहा और अपनी कार को यमुना किनारे घुमाने के बहाने ले आया.  वहां जाने के बाद रास्ते में ही हेड कॉन्स्टेबल सुरेंद्र ने महिला सिपाही की गला दबाकर हत्या कर दी. इसके बाद उसकी लाश को एक नाले के किनारे दफना दिया. अपनी प्रेमिका की हत्या के बाद उसके बैग और फोन को अपने पास रख लिया।

*खुद ही शिकायत लेकर पहुंचा पुलिस के पास.*

बात 8 सितंबर 2021 की है. काफी समय से जब महिला सिपाही का फोन उसके घरवालों को नहीं मिला तो उन्होंने मुखर्जी नगर थाने की पुलिस से संपर्क किया. सुरेंद्र से भी जानकारी मांगी. तब उसने बताया कि वो भी काफी परेशान है. उससे भी कोई बात नहीं हुई है. इसके बाद सुरेंद्र खुद महिला सिपाही के परिवारवालों के साथ मुखर्जी नगर थाने में जाकर उसकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी. जिससे उसके परिवारवालों को शक नहीं हो. इसके बाद कई बार वो सीनियर पुलिस अफसरों से मिलकर उसकी पड़ताल कराने की गुहार लगाता रहा.

*फिल्म दृश्यम की तरह देता रहा ऐसे चकमा, कभी कॉल गर्ल से मिल दिया चकमा*

इस बीच हेड कॉन्स्टेबल ने दिल्ली पुलिस और महिला सिपाही के परिवार को चकमा देने के लिए अजीब साजिश रची. वो महिला सिपाही के आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्रों की अलग-अलग कॉपी निकालकर अपने पास रख लिया. इसके बाद उसी के जैसी दिखने वाली एक कॉल गर्ल का पता लगाया. फिर उसी कॉल गर्ल के साथ उत्तराखंड के देहरादून, ऋषिकेश और फिर मसूरी के होटलों में रुकने जाता था. उस दौरान कॉल गर्ल के असली नाम और डॉक्युमेंट की जगह उसी मर चुकी महिला सिपाही के डॉक्युमेंट दे देता था. फिर कई बार वो अपने डॉक्युमेंट उसी होटल में जानबूझ कर कहीं गिरा देता था और फिर महिला सिपाही के फोन से ही होटल में कॉल करता था. जिसे ट्रेस कर अगर दिल्ली पुलिस वहां पहुंचती थी तो होटल वाले कहते थे कि हां होटल में वो लड़की आई थी,इस तरह पुलिस के साथ महिला सिपाही का परिवार भी गुमराह हो जाता था।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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