
नार्थ सिक्किम
पुराना सिल्क रूट ।
गंगटोक से 102 किलोमीटर दूर चीन सीमा के पास जुलुक गांव है। यहां तक पहुंचने के लिए 14 किलोमीटर लंबे घुमावदार, खतरनाक पर बेहद खूबसूरत रास्ते से गुजरना पड़ता है, इसमें 32 मोड़ है।
कहा जाता है कि इस सिल्क रूट को भारत और चीन के बीच व्यापार करने के लिए बनाया गया था।
नाथुला से जुलूक के रास्ते में बाबा हरभजन सिंह का मंदिर है। इस इलाके में पहुंचते ही आपके मोबाइल की घड़ी में एकदम से समय 2 घंटे आगे बढ़ जाता है, क्योंकि मोबाइल चीन का समय कैप्चर कर लेता है। बाबा हर भजन मंदिर गंगटोक से 191 किलोमीटर दूर नाथांग वैली में छांगु लेक से ऊपर है। जिनके बारे में मान्यता है कि बाबा हरभजन सच्चे सिपाही थे। एक दिन उनकी गाड़ी गहरे पानी में गिर गई और इस दुर्घटना में बाबा जी की अकाल मृत्यु हो गई. लेकिन आज भी बाबा जी की आत्मा यहां ड्यूटी करती है और बॉर्डर पर जवानों की रक्षा करती है। आज भी उनकी समाधि के बराबर में बाबाजी का कमरा है, जहाँ रोज बाबाजी की यूनिफार्म प्रेस करके रखी जाती है