श्री दिगंबर जैन समाज काशी के तत्वाधान में आयोजित 14दिवसीय कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ

श्री दिगंबर जैन समाज काशी के तत्वाधान में आयोजित 14दिवसीय कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ।

वाराणसी आज 19/09/2023
जैन धर्म का पर्वाधिराज पर्युषण शुरू सबसे पहले जो क्षमा करता है-वह सबसे ज्यादा शक्तिशाली होता है।
वाराणसी। भारतीय संस्कृति के पर्वो में जैन धर्म के पर्युषण दशलक्षण महापर्व का विशेष महत्व है।
श्री दिगम्बर जैन समाज काशी के तत्वावधान में आयोजित 14 दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलवार 19 सितंबर को प्रातः बेला से ही नगर के जैन मन्दिरो में भेलूपुर सारनाथ मैदागिन खोजंवा नरिया ग्वाल दास साहू लेन चन्द्रपुरी भदैनी में दशलक्षण पूजन-एवं विविध धार्मिक आयोजन के साथ शुरू हुआ।
जैन धर्मावलम्बीयो के लिए यह बहुत ही कठिन आत्मा की आराधना का पर्व है।
इन दिनों सभी छोटे बडे व्रत उपवास संयम, सामायिक जप स्वाध्याय में तल्लीन रहते है। मंगलवार को सभी जैन मंदिरो में तीर्थंकरो का अभिषेक-पूजन प्रक्षाल के साथ पूजन प्रारंभ हुई।
भगवान पार्श्वनाथ जी की जन्म स्थली भेलूपुर में प्रातः विधानाचार्य डा:पं: अशोक जैन के निर्देशन में संगीतमय दशलक्षण विधान का शुभारंभ हुआ-वही ग्वाल दास लेन स्थित मन्दिर में भी 10 दिवसीय विधान का विधि-विधान से शुभारंभ हुआ।
सायंकाल भेलूपुर स्थित भगवान पार्श्वनाथ जन्म स्थली पर शास्त्र प्रवचन प्रोः फूल चन्द्र प्रेमी ने दशलक्षण पर्व के प्रथम अध्याय उत्तम क्षमा धर्म का अर्थ सहित व्याख्यान करते हुए कहा जिसके पास क्षमा रूपी तलवार है उसका दुर्जन भी कुछ नहीं कर सकते। जिस दिन आपके जीवन में क्षमा का आगमन होगा उस दिन आपका जीवन पार्श्वनाथ के समान हो जायेगा। उन्होंने कहां-जो पहले क्षमा मांगता है वह सबसे ज्यादा बहादुर है और जो सबसे पहले क्षमा करता है वह सबसे ज्यादा शक्तिशाली है।
खोजंवा स्थित जैन मन्दिर में शास्त्र प्रवचन करते हुए डा: मुन्नी पुष्पा जैन ने कहां जीवन की मिठास का स्वाद लेने के लिए आपके पास अतीत को भूलने की और दूसरो को क्षमा करने की शक्ति होना चाहिए।
आत्मविश्वास आत्म ज्ञान और आत्मसंयम केवल यही तीनों जीवन को परम शक्ति सम्पन्न बना देते है। उन्होंने कंहा-समस्त बुराईयो को पी जाने की क्षमता प्रगट होना ही क्षमा धर्म है। क्षमा वही कर सकता है जिसके अंदर निर्मल ज्ञान का सागर है और वह तप तपस्या से ही संभव है।
सायंकाल जैन मंदिरो में शास्त्र प्रवचन जिनवाणी पूजन तीर्थंकरो, क्षेत्रपाल बाबा, देवी पद्मावती जी की सामूहिक आरती की गई।
आयोजन में प्रमुख रूप से अध्यक्ष दीपक जैन उपाध्यक्ष राजेश जैन आर सी जैन विनोद जैनअरूण जैन अजीत जैन विनोद जैन चांदी वाले सौरभ जैन उपस्थित थे।

About The Author

निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपडेट खबर के लिए इनेबल करें OK No thanks