29 उद्यमियों ने निवेश करने से किया इनकार

एटा, । जिले में कारोबार स्थापित करने के लिए 191 निवेशकों ने आदेवन किए गए। जून आते-आते 29 निवेशकों ने काम करने की योजना ही त्याग दी। इसमें अधिकांश काम करने वाले डेयरी विभाग से संबंधित थे। 38 आवेदक ऐसे हैं जो बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं। अभी तक सिर्फ 18 लोगों ने ही उद्योगों को स्थापित कर पाया है।
ग्लोबल समिट के एमओयू पर हस्ताक्षर कर निवेशकों ने एटा में अपना उद्योग लगाने की मंशा जताई थी। ऐसे लोगों की संख्या करीब 190 के आसपास थी। इसमें 18 लोगों ने अपना उद्यम लगा लिया, जिन्होंने काम शुरू किया वह एमएसएमई योजना के लाभार्थी हैं। 37 लोग ऐसे है जो उद्योग स्थापित करने की तैयारियों में लगे हुए हैं। इनसे लगातार संबंधित विभाग के अधिकारी वार्ता कर रहे हैं। 29 लोग ऐसे हैं जिन्होंने काम करने से इनकार कर दिया है। वह अब कारोबार करने के लिए मना कर रहे है। हालांकि अभी भी अधिकारी इनसे संपर्क कर रहे हैं कि काम न करने के पीछे क्या कारण है। इसमें 25 अकेले डेयरी विभाग से जुड़े हुए आवेदक हैं। दो आवेदक पशु पालन विभाग से जुडे हैं। सरकार का पूरा जोर है कि लोग अपने-अपने कारोबार को करें और लोकल को वोकल की नीति के तहत काम हो सके।
38 आवेदकों को नहीं मिल सकी लोन एटा। कारोबार करने के लिए 38 आवेदक है ऐसे है जो बैंकों के चक्कर लगा रहे है। ऋण लेने के लिए बैंकों में आवेदन किया था, लेकिन अभी तक पैसा नहीं मिल सका है। पैसा देने से पहले बैंकों ने अपनी शर्त लगा दी है। जब तक शर्त पूरी नहीं होगी तब तक पैसा नहीं देंगे।
उद्योगों की स्थापना करने के लिए सरकार का पूरा जोर है। सभी फाइलों पर काम चल रहा है। हर हाल में सभी की समस्याओं का समाधान कराने का प्रयास किए जा रहे है, जो लोग काम नहीं करने की बात कह रहे हैं उनसे भी बात की जा रही है।
बांकेलाल, प्रभारी उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र एटा
28 आवेदकों को जरूरत है जमीन की
एटा। काम करने के लिए 28 आवेदकों को जमीन की जरुरत है। बार-बार कहने के बाद भी अभी काम करने के लिए जमीन नहीं मिल पा रही है। इसमें 11 आवेदक एमएसएमई योजना से जुड़े है जबकि 11 उद्यान विभाग जुड़े आवेदक है। 14 लोगों को भूखंड की जरूरत है।
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