अदाणी फाउंडेशन द्वारा नगवा में विज्ञान कार्यशाला का आयोजन

अदाणी फाउंडेशन द्वारा नगवा में विज्ञान कार्यशाला का आयोजन

सिंगरौली, मार्च 30, 2023: माडा तहसील अंतर्गत महान इनर्जेन लिमिटेड द्वारा नगवा गांव में संचालित विद्यालय सरस्वती शिशु मंदिर के बच्चों में विज्ञान सम्बन्धी जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से निःशुल्क विज्ञान कार्यशाला का आयोजन किया गया है। अदाणी फाउंडेशन के द्वारा छठी से आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए 15 दिवसीय ‘आओ करके देखें’ विज्ञान कार्यशाला का शुभारंभ मंगलवार को किया गया जो 12 अप्रैल तक चलेगा। इस कार्यशाला में स्कूल के 200 बच्चे बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान प्रशिक्षक के तौर पर स्टेमरोबो टेक्नोलॉजी की रूपम अग्रवाल द्वारा बच्चों को विज्ञान से जुड़ी रोचक पहलूओं से अवगत कराया जा रहा है। विज्ञान कार्यशाला का शुभारंभ सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाध्यापक श्री फतेह बहदुर त्रिपाठी, सीएसआर अधिकारी मनोज प्रभाकर एवं प्रोजेक्ट ऑफिसर ऋषभ पाण्डेय के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।

कार्यशाला के दौरान छात्र-छात्राओं को विद्युत प्रवाह एसी, डीसी और उनकी तुलना, विद्युत शक्ति, ऊर्जा और उनकी इकाइयाँ, जल शक्ति, रोबोटिक साइंस जैसे विषयों के बारे में बुनियादी जानकारी दी जा रही है। प्रयोगशाला में बच्चों को विज्ञान से जुड़े अन्य छोटे-छोटे प्रयोगों के बारे में बताया जा रहा है। स्कूल के प्रधानाध्यापक श्री फतेह बहदुर त्रिपाठी का कहना है कि “विज्ञान के प्रति रूचि जगाने के लिए पहली बार विज्ञान कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।” इस मौके पर बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए विद्यालय के तमाम शिक्षक मौजूद थे। इस कार्यशाला में प्रशिक्षक के द्वारा विद्यालय के शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वो भी अन्य छात्रों को विज्ञान विषय से सम्बन्धित जानकारियां दे सकें। अदाणी फाउंडेशन के तरफ से बताया गया कि स्थानीय बच्चों की प्रतिभा निखारने के लिए भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम किये जाते रहेंगे। समय-समय पर अदाणी फाउंडेशन द्वारा स्थानीय शासकीय विद्यालयों में जरूरतमंद बच्चों के बीच निःशुल्क स्कूल बैग एवं अन्य शिक्षण सामग्री वितरित की जाती है।

विज्ञान शिक्षण में सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ प्रायोगिक ज्ञान का विशेष महत्व है। वर्तमान शिक्षा प्रणाली में प्रायोगिक ज्ञान को विज्ञान का आधार बताया गया है। कुछ शिक्षक विज्ञान विषय में केवल सैद्धांतिक पक्ष पर अधिक बल देते हैं तथा प्रायोगिक पक्ष की उपेक्षा करते हैं, जो एक चिंता का विषय है, क्योंकि इससे विद्यार्थियों में विज्ञान से संबंधित कौशलों का विकास नहीं हो पाता है। कार्यशाला के दौरान मौजूद शिक्षकों, अभिभावकों और अदाणी फाउंडेशन के अधिकारियों ने माना कि विज्ञान एक ऐसा ज्ञान है जिसमें प्रयोगों का विशेष महत्व होता है। इसलिए प्रत्येक पाठ को प्रायोगिक गतिविधियों के साथ पढ़ाना चाहिए ताकि विद्यार्थियों में विज्ञान विषय के प्रति रुचि उत्पन्न की जा सके। कार्यशाला में उपस्थित अभिभावक श्री मनोज शर्मा ने कहा कि “अदाणी फाउंडेशन के द्वारा पुनर्वास कॉलोनी में इस प्रकार के विज्ञान कार्यशाला का आयोजन यह दर्शाता है कि कंपनी हमारे बच्चों के भविष्य के प्रति काफी सजग है।” स्थानीय ग्रामीण स्कूल के बच्चों के लिए इस तरह के कार्यशाला के आयोजन से काफी खुश हैं और इसके लिए अदाणी फाउंडेशन को धन्यवाद दे रहे हैं।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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