ये नेपाल के श्रीमान ओली साहब तो
भारत विरोध की मानसिकता के कारण अब मतिभ्रम के रोगी हो गये प्रतीत होते हैं । कहते हैं कि भारत की अयोध्या अयोध्या नहीं है वास्तविक अयोध्या तो नेपाल का एक गांव है !
तर्क भी हास्याष्पद ही है ! इतनी दूर भारत की अयोध्या
से चलकर विना किसी साधन के शादी करने जनकपुर
कैसे पहुंच गये राम !
तब तो आपको लंका भी नेपाल में ही बनानी पड़ेंगी और
एक सौ योजन का समुद्र भी वहीं बनाना पड़ेगा !
अन्यथा बताना पड़ेगा कि आपकी अयोध्या से विना साधन राम पैदल लंका कैसे पहु़ंचे !
कृपया सद्बुध्दि से काम लीजिये !
शास्त्र का , सांस्कृतिक इतिहास का, भौगोलिक स्थिति
परिस्थिति का ज्ञान प्राप्त कीजिये !
नेपाल का भूभाग अखण्ड सांस्कृतिक भारत का अभिन्न अंग आदि काल से है । और जनमानस के दृष्टिकोण से
आज भी पूर्ण समरसता सामंजस्य है । आप अपने स्वार्थ के वशीभूत होकर इस मधुर समरसता में विष मिलाने का जघन्य अपराध मत कीजिये ! इतिहास में आप खलनायक के रूप में लिखे जाओगे !
चीन के रसगुल्ले खाकर इस अनैतिक संव्यवहार में रत
होकर आदर्श पवित्र मर्यादाओं को भंग मत कीजिये ।
जनकपुर हमारे पितृ पुरुष मर्यादा पुरुषोत्तम राम की ससुराल, हमारी मातृदेवी सीता जी का माइका और हमारी ननिहाल है । पूरा जोर लगाकर भी आप इस पवित्र सम्बन्ध के माधुर्य को न तोड़ पायेंगे ।। नेपाल की
प्रजा हमारी नैसर्गिक मित्र है और निरन्तर रहेगी !!!
आचार्य कविकिंकर