
मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में प्रतिदिन 40-50 मरीज पहुंच रहे, 10-12 प्रभावित मरीजों को वार्ड में भर्ती कर किया जा रहा इलाज
*इन्फ्लुएंजा वायरस से हर तीसरा व्यक्ति बीमार*
एटा, । जिले में लोग इन्फ्लुएंजा वायरस के शिकार हो रहे हैं। इस वायरस की चपेट में आकर लोगों को वायरल संक्रमण हो रहा है। उससे सर्दी, जुकाम, बुखार से प्रभावित रोगी वीरांगना अवंतीबाई लोधी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय की ओपीडी में पहुंच रहे हैं। दवा लेने के बाद भी मरीजों को आराम नहीं मिल रहा है। हर तीसरे दिन मरीज डॉक्टरों पर दवा बदलने का जोर डाल रहे है। हालात यह है कि हर तीसरा व्यक्ति इस बीमार से ग्रसित है।
शुक्रवार को मेडिकल कालेज की मेडिसिन ओपीडी में 200 से अधिक रोगी वायरल फीवर से प्रभावित पहुंचे। डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि प्रतिदिन ओपीडी में 50 से 60 मरीज रोगी इससे प्रभावित आ रहे है। उन्होंने अभी तक जांच में इस तरह की कोई पुष्टि नहीं हुई है। यह फ्लू फेफड़े, नाक और गले पर हमला करता है। नौजवान, उम्र दराज लोग, गर्भवती महिलाएं और उन लोगों में जिनको पुराने रोग हैं। शरीर रोगों से लड़ पाने में कमजोर है, उन्हें खतरा अधिक है। इससे प्रभावित रोगी को बुखार, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, खांसी, रक्त संचय, नाक बहना, सिर दर्द और थकान रहता है। विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले समूह में सामान्य वायरल संक्रमण घातक हो सकता है।
मेडिसिन-बच्चा वार्ड में 12 रोगी मिले भर्ती मेडिकल कालेज की एमसीएच विंग स्थित मेडिसिन वार्ड में वायरल फीवर, सांस के आठ रोगी भर्ती मिले। जिनको मौजूद स्टाफ की देखरेख में उपचार दिया जा रहा है। बच्चा वार्ड में भर्ती चार रोगियों को उपचार दिया जा रहा है।
*इस समय जिले में एच-3 एन-2 वायरस का असर है। अभी जो मरीज आ रहे है उसमें अधिकांश मरीज इसी वायरस के है। यह ऐसी बीमारी है इसमें एंटीबायटिक दवा भी एकदम से काम नहीं कर रही है। इसके लिए लोगों को सावधानी बरतने की जरुरत है।*
डॉक्टर शैलेंद्र जैन
कासगंज में इन्फ्लूएंजा को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
*ओपीडी में वायरल फीवर रोगी अधिक*
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एटा। मेडिकल कालेज की बालरोग ओपीडी में मौजूद डॉ. एबी सिंह ने बताया कि बच्चों में इस तरह का प्रभाव अभी कम देखा जा रहा है। उनके यहां ओपीडी में सर्वाधिक बच्चे वायरल फीवर के पहुंच रहे हैं। जिनको उपचार देने का काम किया जा रहा है। चिकित्सक ने बताया कि यह बीमारी व्यस्कों में अधिक होती है। शारीरिक रूप से कमजोर लोग इसकी चपेट में आते हैं। शुक्रवार को ओपीडी में 100 से अधिक वायरल फीवर रोगियों ने पहुंचकर उपचार लिया है।
आराम और तरल पदार्थों का सेवन लाभदायक मेडिसिन विभाग ओपीडी में मौजूद डॉ. अभिषेक कुमार ने बताया कि वायरल का इलाज आमतौर पर आराम और तरल पदार्थ देकर किया जाता है। ताकि शरीर संक्रमण से स्वयं लड़ सके।
इन्फ्लूएंजा वायरस से पीड़ित रोगी अभी तक नहीं आया है। इन्फ्लूएंजा वायरस से बचाव के लिए कोविड के नियमों का अनुपालन करने के लिए लोगों से कहा जा रहा है। जिला अस्पताल व सीएचसी पर बेड, ऑक्सीजन व दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
डा. संजीव सक्सेना, सीएमएस, जिला अस्पताल, कासगंज
*इन्फ्लुएंजा वायरस से बचाव को क्या करें- क्या न करें*
1. अपने हाथों को नियमित रूप से पानी और साबुन से धोएं।
2. फेस मास्क पहनें और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें।
3. अपनी नाक और मुंह को बार-बार छूने से बचें।
4. खांसते-छींकते समय अपनी नाक व मुंह को अच्छी तरह से ढक लें।
5. बुखार और बदन दर्द होने पर पैरासिटामोल लें।
5. सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचिए।
*बच्चा वार्ड में 15 दिन से पांच माह का बच्चा भर्ती है। उसको निमोनिया की शिकायत है। उपचार चलने से थोड़ा आराम मिला है। अभी पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ है। वार्ड स्टाफ उनसे बच्चे को घर ले जाने की कह रहे है। उन्होंने कह दिया कि बच्चा ठीक होने पर ही घर ले जायेंगे।*
अमरपाल सिंह, रोगी का पिता, नगला लोकी (एटा)
*छह वर्षीय बच्चा बाबू बीस दिन से वार्ड में भर्ती है। उसको सर्दी, जुकाम, बुखार और खांसी है। रात्रि में खांसी के कारण वह सो नहीं पाता है। रात्रि में भाप लगवाने के बाद बच्चे को थोड़ा आराम मिलता है। लगातार उपचार से थोड़ा आराम है।*
राधाचरन, रोगी का पिता,
नयाबांस (एटा)