मोदी सरकार ने नए साल से पहले जनता को दिया तोहफा, अब 2023 तक फ्री मिलेगा राशन

मोदी सरकार ने नए साल से पहले जनता को दिया तोहफा, अब 2023 तक फ्री मिलेगा राशन

india..मोदी सरकार ने नए साल से पहले लोगों को तोहफा दे दिया है. अब लोगों को दिसंबर 2023 तक मुफ्त राशन मिलेगा. केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार को हुई बैठक में ये फैसला लिया है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मीटिंग के बाद कहा कि नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत 80 करोड़ लोगों को अब मुफ्त अनाज मिलेगा.
गोयल ने आगे कहा कि लोगों को दिसंबर 2023 तक अनाज लेने के लिए एक रुपये का भी भुगतान नहीं करना पड़ेगा. उनके मुताबिक, सरकार इस पर सालाना करीब दो लाख करोड़ रुपये का खर्च करेगी.

लोगों को कितने चावल और गेहूं मिलेंगे?

नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत, सरकार मौजूदा समय में हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम अनाज 2 से 3 प्रति किलो की कीमत पर देती है. अंत्योदय अन्न योजना (AAY) के तहत कवर होने वाले परिवारों को हर महीने 35 किलोग्राम अनाज मिलता है. इस कानून के तहत, गरीब लोगों को चावल 3 रुपये किलो और गेहूं 2 रुपये किलो पर मिलता है.

केंद्रीय कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत, मुफ्त अनाज देने का पूरा बोझ उठाएगी.

PMGKAY को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला
इस बीच सरकार ने फ्री राशन स्कीम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है. यह योजना 31 दिसंबर को खत्म होने जा रही है. इस योजना के अंदर, नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत कवर होने वाले 81.35 करोड़ लाभार्थियों को हर महीने प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज मुफ्त मिलता है. यह NFSA के तहत मिलने वाले सब्सिडी वाले अनाज के अलावा और ऊपर होता है.

आपको बता दें कि सितंबर में, मोदी सरकार ने इन योजना को तीन और महीनों की अवधि के लिए 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया था. यह योजना अप्रैल 2020 में शुरू की गई थी. इसे कोविड काल में गरीबों की मदद के लिए शुरू किया गया था.

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के अधिकारियों ने कैबिनेट के फैसले को देश के गरीब के लिए नए साल का तोहफा बताया. उन्होंने कहा कि इससे NFSA के तहत आने वाले 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को अब मुफ्त अनाज मिलेगा. लाभार्थियों को अनाज लेने के लिए एक रुपये का भी भुगतान नहीं करना पड़ेगा.

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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