स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर शहीद स्व.जंग बहादुर पटवा जी के जयंती पर शत-शत नमन –

अखिल भारतीय श्री पटवा वैश्य महासभा उत्तर प्रदेश की तरफ से महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर शहीद स्व.जंग बहादुर पटवा जी के जयंती पर शत-शत नमन –

स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी स्व.जंग बहादुर पटवा जी के 20 नवम्बर 2022 को 117 वें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई…

गोण्डा :-हमारे देश के महान स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी वीर जंग बहादुर पटवा जी का जन्म उत्तर प्रदेश के हरदोई जनपद के बालामऊ (कछौना) में 20 नवम्बर 1905 में हुआ था। देश की तत्कालीन परिस्थितियों का जबकि भारत में भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन अपने चरम पर था, भारत के सम्पूर्ण जनमानस के रगों में देशभक्ति की भावना हिलोरे मार रही थी। बालक जंगबहादुर भी इससे अछूते न रह पाये। किशोरावस्था में प्रवेश के साथ ही वह फिरंगी बरतानिया शासन जो कि अमानवीय और अन्यायी था, के विरोध में सक्रिय हो चुके थे, और भारत के विभिन्न क्रान्तिकारियों के निकट सम्पर्क में आये।

श्री जंगबहादुर जी भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन के बहुचर्चित काकोरी कांड (09 अगस्त 1925) में भी शरीक रहे थे, जिसके चलते ब्रिटिश सरकार ने उनको गिरफ्तार करके हरदोई के जिला कारागार में बन्द कर दिया। जिसके बाद आपको सिटी मजिस्ट्रेट लखनऊ के न्यायालय से 06 माह के कठोर कारावास की सजा हुई। ब्रिटिश सरकार को इस बात का डर था कि उनके और साथी उनको जेल से छुड़ा सकते हैं, इस डर से उनको 22 जुलाई 1930 को हरदोई जिला कारागार से जिला जेल बाराबंकी के लिए स्थानांतरित कर दिया गया। जेल से छूटने के बाद वे फिर से देश की आजादी के लिए संघर्ष करने लगे, किंवदंतियों के अनुसार उनके पास एक घोडा भी था, जिस पर वे हाथ में तिरंगा लेकर गांव-गांव जाकर लोगों को आजादी का मतलब समझाते और जनमानस के हृदय में आजादी की अलख जगाते थे।
श्री जंग बहादुर जी भारत के उन भाग्यशाली स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों में से एक थे जिन्होंने देश को आजादी दिलाने के बाद खुली हवा में आजादी की सांस ली। आजादी के कुछ ही समय के बाद 25 मई 1950 को उन्होंने देश की मिट्टी में अपने प्राणों को त्याग दिया.। भारत माता के पैरों में सदियों से पड़ी परतंत्रता की बेड़ियों को तोड़कर, वर्तमान स्वाधीन भारत की स्थापना के लिये अपने प्राणों की बाजी लगाने वाले महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर जंग बहादुर पटवा जी की मिशाल, पटवा समाज को युगों युगों तक प्रेरणा प्रदान करती रहे!

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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