
मरघट की भूमि पर दबंगों का कब्जा
एटा।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर का खौफ भी लगता है अब कम होने लगा है। भूमाफिया फिर सक्रिय हो गए हैं। राज्य सरकार की और मरघट की जमीनों पर भी भी कब्जा करने से नहीं चूक रहे। उनके ऐसी कारणों से ग्रामीण अंचलों में दहशत का माहौल पैदा होने लगा है, जो कभी भी लावा बनकर फूट सकता है।
मारहरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम महुअट में राज्य सरकार की 2 बीघा जमीन जिसे मरघट के रूप में पिछले 20 वर्षों से अधिक समय से इस्तेमाल किया जाता रहा है, उस पर दबंगों के कब्जे का मामला रविवार को तब सामने आया, जब ग्राम पंचायत महुअट गांव नगला भिकारी के कंचन सिंह यादव के पुत्र निहाल सिंह यादव ने अपने खेत को ट्रैक्टर से जोत कर ग्राम समाज की 2 बीघा जमीन पर बने मरघट की मढैया भी उजाड़ दी उसने पूरी जमीन को जोत कर अपने खेत मैं मिला लिया। गांव के लोगों ने जब उसकी इस हरकत का प्रतिवाद किया तो वही झगड़ा फसाद पर आमादा हो गया। लिहाजा मामले की जानकारी 112 नंबर पुलिस को दी गई मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना के वीडियो फुटेज और उपस्थित लोगों के बयान दर्ज किए है, वही गांव के तमाम ग्रामीणों ने लिखित तौर पर समाधान दिवस में मरघट पर कब्जे की घटना का प्रशासन के आला अधिकारियों को संज्ञान दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें उच्च अधिकारियों द्वारा आश्वस्त किया गया है कि कब्जा धारी भू माफिया कोई भी हो सरकारी जमीन पर कब्जा करने के एवज में उस पर जो कार्यवाही बनती है वह कानूनी कार्यवाही की जाएगी मरघट की भूमि को कब्जा मुक्त कराया जाएगा। किंतु आश्वासन के 2 दिन बाद भी लेखपाल रमन सिंह यादव ने सरकारी मरघट की भूमि की पैमाइस तक नही की है, पुलिस प्रोटेक्शन ना मिलने की बात कह कर वह इस घटना को गंभीरता से नहीं ले रहे, फलस्वरूप ग्रामवासियों में रोष व्याप्त है।
गांव के रणवीर सिंह, दिनेश सिंह, ओमवीर सिंह, श्यामवीर सिंह, अशोक कुमार, सुनील कुमार, मदन सिंह, राम वकील, राजेश कुमार और शैलेन्द्र सिंह सहित अधिकांश ग्राम वासियों ने चुनौती दी है कि यदि शीघ्र ही मरघट की भूमि को कब्जा मुक्त नहीं कराया गया तो वह मामले को मुख्यमंत्री के दरबार तक लेकर जाएंगे।