क़ानून के खौफ से डॉन क़ी घिग्गी बँधी

क़ानून के खौफ से डॉन क़ी घिग्गी बँधी

योगी बहादुर मुख्यमंत्री हे, मेहनत कर रहे हे – ये कहना हे इलाहबाद के एक कुख्यात डॉन का जो लगभग तीन दसको से राजनीत का चोला ओढे हुए हे, कई मुख्यमंत्री के कार्यकाल उसने देखे हे पर किसी की मेहनत उसे नहीं दिखी… पर आज…. आज उसका डर बोल रहा हे।

कभी जेल से जुल्म ढाता था बाहुबली

ये वही अतीक चकिया हे जिसके गुर्गे कभी लख़नऊ के एक व्यापारी को अपहरण करके कर सीधे देवरिया जेल मे अपने आका अतीक के पास ले गए, जँहा पहले से जेल मे बंद अतीक ने व्यापारी को बहुत मारा ओर कहा अगर ये जेल न होती तो आज तुम्हारी हत्या कर देता।

इस मामले ने बहुत तूल पकड़ा तो उसे देवरिया से बरेली सेन्ट्रल जेल भेजा गया, पर उसके खौफ के चलते सेन्ट्रल जेल बरेली ने उसे लेने से इनकार कर दिया, वाद मे उसे प्रयागराज क़ी नैनी जेल मे रखा गया।

हत्या का खौफनाक तरीका

2005 मे इलाहबाद पच्छिम से विधायक राजू पाल को अतीक के वादमाशो ने दिन दहाड़े गोलियों से भून दिया था ओर फरार हो गए, विधायक राजू के लोग जब उसे एक टेंपो डालकर अस्पताल ले जा रहे थे तो एक वार फिर राजू पाल पर गोलियां वर्षायी गई ताकि यह निश्चित हो सके क़ी राजू मारा गया।

खौफ के आयाम पर गौर कीजिए

2012 मे अतीक अहमद ने चुनाव लड़ने के लिए इलाहवाद हाई कोर्ट मे ज़मानत के लिए अर्जी दी 10 जजों ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया 11वें जज ने सुनवाई क़ी ओर अतीक को जमानत मिल गई, हालांकि 2017 मे हाई कोर्ट ने उसकी सभी मामलों मे जमानते रद्द कर दी ओर अतीक जेल पहुंच गया।

लख़नऊ के OCR मे लगता था दरवार

जब अतीक जमानत पर था तब उसे विधायक होने के नाते उत्तर प्रदेश राज्य संपती विभाग ने OCR बिल्डिंग मे आवास उपलब्ध कराया था, उस वक्त अतीक वंही दरवार लगाता था या दूसरे शब्दों में कहें तो वंही से गिरोह को संचालित करता था ओर क़ानून के रखवाले उसकी गुलामी करते थे ओर अप्रत्यक्ष रूप से उसकी गैरकानूनी कामों में मदद करते थे।

कारागार से भी करतूतें जारी रही

जेल तो अतीक के लिए जैसे जुर्म करने क़ी सुरछित पनाहगहा वन गई।

ओर मोबाइल बन गया अतीक का नया हथियार!

अपहरण, जबरन बसूली, ओर धमकी वो,वे -खौफ जेल मे वैठ कर करता रहा, ओर समय -समय लोगों ये मालूम भी पढ़ता रहा क़ी अतीक जेल से अपराध कर रहा हे।

2019 मे चला कोर्ट का हंटर

सुप्रीम कोर्ट ने यू पी सरकार को आदेश दिया अतीक को प्रदेश से वाहर क़ी जेल मे रखा जाये तब से अतीक साबरमती जेल मे बंद हे ओर योगी सरकार लगातार अतीक के वर्चस्व को नेस्तनाबूत करने मे लगी हे!

इससे पहले मायावती ने भी अतीक के आतंक को खत्म करने क़ी कोशिश क़ी थी, पर असल मुहिम योगी क़ी ही रंग लाती दिख रही हे।

अपराधी ओर उनके साए मे जीने वाले साफ और स्पष्ट समझ ले वक्त जब अपने जलाल पर आता है तो सब कुछ तार -तार हो जाता हे।

किसी भी बाहुबली की ताकत कानून से बड़ी नहीं हो सकती।

जरूरत है तो बस मजबूत इच्छाशक्ति की।

जोकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मे साफ और स्पष्ट दिख रही है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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