पत्नी को मरा दिखाकर पति ने दावा ठोंका,वह न्यायालय मे पेश होकर बोली- मैं जिन्दा हूं

जिस पत्नी को मरा दिखाकर पति ने दावा ठोंका,वह न्यायालय मे पेश होकर बोली- मैं जिन्दा हूं

मोटर वाहन दुर्घटना न्यायालय ने एसपी बांदा को सौंपी जांच

न्यायाधीश ने मामले के निस्तारण तक महिला की सुरक्षा के लिये एसपी को दिये निर्देश

बांदा
यहां के मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण न्यायालय मे एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। न्यायालय मे एक ब्यक्ति ने अपनी जिस पत्नी की दुर्घटना मे मारे जाने का दावा पेश कर क्लेम किया है,वह मंगलवार को न्यायालय मे सशरीर जिन्दा पेश हो गयी। भरी अदालत मे वह जज से बोली- साहब मैं जिन्दा हूं। मेरा पति न्यायालय मे मुझे मरा दिखाकर क्लेम का पैसा हथियाने के साथ-साथ मेरी हत्या करना चाहता है। महिला की बात सुनकर अदालत और वहां मौजूद लोग स्तब्ध रह गये। अदालत कोई कार्यवाही करती, इसके पहले ही वहां मौजूद महिला का पति अदालत से भाग निकला। मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण न्यायालय मे पेश हुआ यह मामला जिले के पैलानी थाने के निवाइच गांव का बताया गया है। यहां के दयाराम नामक ब्यक्ति ने चोला मंडलम इंश्योरेन्स कंपनी लि आदि के खिलाफ अपनी पत्नी सुधा की मृत्यु दर्शाकर मोटर वाहन दुर्घटना न्यायालय मे क्लेम का मुकदमा दायर किया था।
न्यायालय के पीठासीन अधिकारी धर्मेन्द्र कुमार पांडेय की कोर्ट ने अदालत मे पेश हुयी महिला सुधा की बात सुनकर अपने आदेश मे कहा कि चूंकि जिस महिला की मृत्यु हो चुकी है और उसके लिये दावा किया गया है,लेकिन वह महिला जीवित है। मामला काफी गंभीर प्रतीत होता है। न्यायाधीश पांडेय ने एसपी बांदा को आदेश दिया कि प्रस्तुत मामले मे सर्वप्रथम याचिका से सम्बंधित सभी पहलुओं की जांच कर न्यायाधिकरण मे 15 दिन के अंदर आख्या दाखिल किया जाए। यदि आवेदिका सुधा देवी का कथन सत्य है तो दोषी पाये गये ब्यक्ति के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जाए। न्यायाधीश ने एसपी को यह भी आदेश दिया है कि सुधा देवी को मामले के निस्तारण तक सुरच्छा प्रदान की जाये।
पुलिस अधीक्षक बांदा को आदेश जारी किया कि जिस महिला की मृत्यु के लिए प्रस्तुत याचिका दाखिल की गई है वह महिला जीवित कही जा रही है और स्वय न्यायालय के समक्ष उपस्थित है, जिस कारण यह मामला जांच का गंभीर विषय है। न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार पांडेय की कोर्ट ने दयाराम बनाम चोला मंडलम इंश्योरेंस कंपनी लि आदि के मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि याचिका से संबंधित सभी पहलुओं की जांच आख्या पुलिस अधीक्षक बांदा से मगाया जाना न्याय की दृष्टि से आवश्यक है साथ ही यदि न्यायाधिकरण में उपस्थित महिला सुधा देवी का कथन सत्य है तो दोषी व्यक्ति के विरुद्ध विधिक कार्यवाही हेतु कदम उठाया जाए। मोटर वाहन न्यायाधिकरण में लंबित मामला इस प्रकार सामने आया कि दयाराम पुत्र बद्री निवासी ग्राम निवायच तहसील पैलानी जिला बांदा ने क्लेम पाने के लिए दावा किया था। न्यायाधिकरण में मगलवार देर शाम तक सुनवाई के समय श्रीमती सुधा देवी की ओर से कथन किया गया कि मृतका सुधा देवी याची दयाराम की पत्नी है और वर्तमान समय में जीवित है।वह गया प्रसाद पुत्र दुर्जन निवासी वार्ड 3 भरुआ सुमेरपुर की पुत्री हैं। याची दयाराम ने किसी अन्य महिला की मृत्यु को अपनी पत्नी सुधा देवी बता कर कूट रचित अभिलेख बनाकर फर्जी मुकदमा दायर किया गया है। मुकदमा फर्जी तरीके से प्रस्तुत किया गया है। इसके लिए विपक्षी पार्टी 3 कमलेश कुमार तिवारी ने सपथपत्र भी प्रस्तुत किया है। जिस पर न्यायालय ने पिछली तिथि में यह बात कही थी कि चुकि मामला गंभीर प्रकृति का था। निर्देश दिया गया था की दिनाक 11 अक्टूबर 22को सुधा देवी को न्यायालय के समक्ष उपस्थित कराया जाए। मंगलवार को मोटर वाहन न्यायाधिकरण के समक्ष सुधा देवी आदेश पर उपस्थित हुई। उनके साथ पिता गया प्रसाद, माता श्री मती पच्ची ने सपथपत्र देकर बताया कि उनकी पुत्री सुधा का मायका वार्ड न 3 भरुआ सुमेरपुर जिला हमीरपुर है। सुधा की शादी 1998में दयाराम पुत्र बद्री प्रसाद निवासी ग्राम निवायच तहसील पैलानी जिला बांदा के साथ हिंदू रीति रिवाज के अनुसार हुई थी। शादी के बाद दयाराम दहेज के लिए मारता पिटता था और घर से निकाले जाने पर सुधा देवी मायके में रह रही थी। सुधा देवी ने कथन किया है कि उसके हाथ में अपने पति दयाराम के नाम भी गुदवाए है। मोटर वाहन न्यायालय के समक्ष उपस्थित हो गई सुधा देवी ने बयान दिया कि उसका पति किसी अन्य महिला की मृत्यु दिखाकर फर्जी क्लेम पाने की गरज से दावा किया गया है। विद्वान न्यायाधीश श्री पांडे ने अपने आदेश में कहा है कि याची दयाराम और उनके अधिवक्ता बार बार बुलाने पर भी न्यायाधिकरण में उपस्थित नही हो रहे हैं। न्यायालय कर्मी ने बताया कि याची दयाराम उपस्थित थे लेकिन सुधा देवी को न्यायालय के समक्ष उपस्थित देखकर भाग गया। न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि प्रथम सूचना रिपोर्ट में सुधा देवी को मृतक बताया गया है और पंचायत नामा किया गया है। पोस्ट मार्टम भी किया गया है। उसके बाद विवेचना रिपोर्ट पत्र भी दाखिल किया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट मुकदमा अ स 35/2014 अंतर्गत धारा 279,304ए भा द स थाना पैलानी सदर बांदा दर्ज है।विवेचना आरोप पत्र 4मई 2014को संबंधित न्यायालय में दाखिल किया गया है। पीठासीन अधिकारी धर्मेंद्र कुमार पांडेय की कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि चूंकि जिस महिला की मृत्यु हो चुकी है और उसके लिए दावा किया है लेकिन वह महिला जीवित है। मामला देखने में बहुत ही गंभीर प्रतीत होता है। न्यायाधीश ने पुलिस अधीक्षक बांदा को आदेश दिया कि प्रस्तुत मामले में सर्वप्रथम याचिका से संबंधित सभी पहलुओं की जांच कर न्यायाधिकरण में 15 में दाखिल किया जाए।यदि आवेदिका सुधा देवी का कथन सत्य है तो दोषी पाए गए व्यक्ति के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जाए। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के समक्ष उपस्थित सुधा देवी ने कथन किया कि दावा प्रस्तुत करने वाला दयाराम उसे क्षति करित कर सकता है। ऐसी स्थिति में न्यायाधीश ने पुलिस अधीक्षक बांदा को आदेश दिया कि आवेदिका सुधा देवी को मामले के निस्तारण तक आवश्यक सुरक्षा प्रदान की जाए। आदेश की प्रति के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट, पंचायत नामा, पोस्ट मार्टम रिपोर्ट और दावा याचिका की छाया प्रति पुलिस अधीक्षक बांदा को भेजने का भी आदेश दिया। मामले की सुनवाई 2नवंबर 22को की जाएगी

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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