जब मुलायम सिहं यादव ने एटा के पत्रकारों की शिकायत पर किया था डी.एम. के.रवीन्द्र नायक का ट्रांसफर

एटा ! धरती पुत्र मुलायम सिहं यादव भले ही आज अपने गांव सैफई पचंतत्व में विलीन हो गऐ परन्तु उन्होने जो कार्य जनता जनार्दन एवं देश के लोककल्याण के लिऐ किऐ वह आज भी अजर अमर रहकर बारम्बार नेताजी के नाम को गुंजायमान कर रहे हैं ! नेताजी एटा जिले को अपना दूसरा घर ही नहीं मानते थे बल्कि यहां की प्रिंट मीडिया से उनके घनिष्ट रिश्ते रहे ! नेताजी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान एटा जिले के कलक्टर के.रवीन्द्र नायक द्वारा अपने खिलाफ कुछ खबरें प्रकाशित होने पर बौखलाहट के चलते बदसलूकियां ही नहीं की गयी बल्कि समाचार पत्र के मालिक व संपादक को मानहानि के नोटिस देकर तगं करने की कोशिश की गयी तो एटा के वरिष्ठ पत्रकारगंणों में अब दैनिक दीक्षित टाइम्स के ब्यूरो चीफ राकेश कश्यप , शान समाचार के संपादक महेश चन्द सोलंकी, विशनपाल सिहं चौहान , राजेश दीक्षित , मदन गोपाल शर्मा ,जयप्रकाश वर्मा व प्रमोद लोधी एकत्रित होकर एक वाहन में सवार होकर सीधे ” सैफई महोत्सव ” में डी.एम. की शिकायत मुख्यमंत्री मुलायम सिहं यादव से करने पहुंच गऐ ! जहां उस दिन भारत के महामहिम राष्ट्रपति अब्दुल कलाम साहब को भी आना था ! परन्तु जब पता चला कि मुख्यमंत्री जी पहले तिकारा बाचा में एक बैकं स्थापित होने के लिऐ उसके स्थायी निर्माण हेतु भूमि पूजन के लिऐ पहुंच रहे हैं , तो एटा के मीडिया बंधुओ की जीप ने सीधे तिकारा बाचा के लिऐ रूख कर लिया तथा नेताजी के आने से पूर्व ही वहां पहुंच लिऐ , जैसे ही नेताजी वहां आकर एसपीजी सुरक्षा कमाण्डो से घिरे कार्यक्रम स्थल की ओर चलने लगे तो एटा के मीडिया बंधुओ ने अपने कैमरे अंटी से निकालकर उनके कार्यक्रम का कवरेज करना शुरू कर दिया ! नेताजी मीडिया बंधुंओ से चलते हुऐ अचानक दो तीन पत्रकारो का नाम लेकर बोले कि अरे एटा के पत्रकारो यहां तक कैसे ! तो उन्हे राकेश कश्यप व अन्य साथियों ने जब बताया कि एटा का डी.एम. अपने खिलाफ खबर छपने से हम लोगों को परेशान कर रहा है तो उन्होने कहा कि पहले मेरे साथ भोजन करो तथा अपने पी.एस. से कहा कि मीडिया बंघुओ से लिखित शिकायत ले लो तथा लखनऊ पहुंचकर मेरे सामने रखना ! नेताजी के साथ साथ खाना खाते हुऐ एटा के मीडिया बंधुओ को जहां गर्व महसूस हुआ वही नेताजी द्वारा कार्यवाही किऐ जाने के आश्वासन के बाद मीडिया के सभी साथी वापिस एटा लौट आऐ !! एक सप्ताह बाद डी.एम. के रवीन्द्र नायक को एटा से रूखसत होना पडा ! एटा के मीडिया बंधुओ की बांछे खिल उठी !! आज नेताजी हमारे बीच नहीं है , हमारी सबकी ओर से उन्हें ” भावुक श्रद्दाजंलि ” परन्तु एटा की मीडिया में एटा की मीडिया के सम्मान व स्वाभिमान के लिऐ नेताजी ने बतौर मुख्यमंत्री जो फैसला दिया उसे सदियों तक याद किया जाता रहेगा !! नेताजी को एटा की मीडिया की ओर से शत शत नमन !!

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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