दबंग कर रहे प्लाट पर कब्जा, न्याय के लिए भटक रही वृद्धा

दबंग कर रहे प्लाट पर कब्जा, न्याय के लिए भटक रही वृद्धा

अवागढ थानाक्षेत्र के गांव ओनेरा का मामला पुलिस पर भी दूसरे पक्ष से पैसे लेने का आरोप

एटा – अवागढ थानाक्षेत्र के गांव ओनेरा की एक विधवा वृद्धा के पुश्तैनी प्लाट पर गांव के ही दबंग किस्म के लोग खुलेआम कब्जे की घटना को अंजाम दे रहे हैं और स्थानीय पुलिस शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। न्याय की आस में वृद्धा जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के भी चक्कर काट रही है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जा रही है।

अवागढ थानाक्षेत्र के गांव ओनेरा निवासी 75 वर्षीय वृद्धा सावित्रीदेवी पत्नी हेतसिंह ने एसएसपी उदयशंकरसिंह को दिये गये प्रार्थनापत्र में बताया है, कि गांव में उनका पुश्तैनी मकान है। उनके पति की मृत्यु हो जाने के बाद से वह अवागढ में किराये के मकान में रहती हैं। उनके पुत्र बाहर नौकरी करते हैं। गांव का मकान काफी पुराना होने की वजह से खंडहर में बदल गया है। जिस वजह से वहां कोई नहीं रहता है। मकान के पास ही उनका लगभग 300 वर्ग गज का एक प्लाट भी है। आरोप है, कि गांव के ही दबंग किस्म के भूपेन्द्र पुत्र रामसहाय और उनके बेटे सचिन, नितिन और रिषभ उस प्लाट पर खुलेआम कब्जा कर रहे हैं। कब्जे का विरोध करने पर दबंग उन्हें और उनके बेटों को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। कई बार मारपीट भी कर चुके हैं। इसकी शिकायत जब उन्होने अवागढ थानाध्यक्ष फूलचन्द्र से की तो थानाध्यक्ष द्वारा उन्हें फटकार कर भगा दिया

गया। इसके बाद उन्होने सीओ जलेसर से भी कब्जा रूकवाने की गुहार लगाई, लेकिन वहां भी कोई सुनवाई नहीं की गई। वृद्धा ने एसएसपी से तत्काल कब्जा रूकवाने की मांग की है।

कब्जे के विरोध पर दबंग ने की मारपीट

शुक्रवार को भी दोनों पक्ष आमने सामने आ गये थे। इस दौरान दबंग भूपेन्द्र और उसके पुत्रों ने पीडित सावित्रीदेवी के पक्ष के कई लोगों के साथ मारपीट की। इतना ही नहीं अवागढ थाना पुलिस को बुलाकर उल्टा उन्हे ही हवालात में बंद करा दिया।

जातीय संघर्ष में न बदल जाये विवाद

पीडित सावित्री पक्ष यादव जाति से है और दबंग भूपेन्द्र पक्ष ब्राह्यण है। भूपेन्द्र आर्थिक रूप से काफी मजबूत और रसूखदार व्यक्ति है। जिस वजह से गांव का कोई भी व्यक्ति उसके खिलाफ नहीं बोलता है। लेकिन एक विधवा वृद्धा के प्लाट पर कब्जे की घटना के बाद से यह विवाद दो जातियों के बीच बंट गया है। जिससे आने वाले समय में यह विवाद जातीय संघर्ष में बदलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है ।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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