मीडिया फाभारतीयउंडेशन ने सरकार के इस एक्शन पर कहां अति सराहनीय कार्य

अनैतिक पत्रकारों के द्वारा संचालित यूट्यूब चैनलों पर सरकार का शिकंजा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 10 यूट्यूब चैनलों के कई वीडियो किए ब्लॉक।

मीडिया फाभारतीयउंडेशन ने सरकार के इस एक्शन पर कहां अति सराहनीय कार्य।

नई दिल्ली। अनैतिक पत्रकारों एवं उनके द्वारा संचालित यूट्यूब चैनलों पर शांति व्यवस्था को भंग करने एवं तथ्य हीन अपलोड किए गए वीडियो को ब्लॉक करने तथा कार्रवाई हेतु सरकार का शिकंजा कसना शुरू हो गया है। इसी कड़ी में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 10 यूट्यूब चैनलों के कई वीडियो किए ब्लॉक।
इधर बीच मिल रही सूचनाओं एवं खुफिया एजेंसियों की जानकारी के आधार पर रिपोर्ट प्राप्त होने पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 10 यूट्यूब चैनलों के 45 यूट्यूब वीडियो ब्लॉक करने का निर्देश यूट्यूब कंपनियों को दिया है। इन संबंधित वीडियो को ब्लॉक करने के आदेश 23 सितंबर 2022 को ही सूचना प्रौद्योगिकी के प्रावधानों के तहत जारी किए गए थे। इन ब्लॉक किए गए वीडियो को 1.30 करोड़ से अधिक बार देखा गया था।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक एके बिंदुसार ने सरकार के द्वारा लिए गए इस कड़े फैसले की सराहना की जब इस विषय पर भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक एके बिंदुसार से हुई वार्ता में उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय स्तर पर चलाए जा रहे हैं बहुत सारे फर्जी यूट्यूब चैनल पर भी कार्रवाई करके माहौल को सही करने की जरूरत है उन्होंने कहा कि कई ऐसे प्रिंट मीडिया व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं डिजिटल मीडिया के द्वारा लाई की तरह पैसे लेकर संवाददाता बनाए जा रहे हैं जिनका मकसद सिर्फ पत्रकारिता के नाम पर रौब जमाना है।
उन्होंने कहा कि मीडिया संगठन एवं पत्रकार संगठन तथा प्रेस क्लब जैसे नामों से चल रहे पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के संगठनों से जुड़कर जो कम से कम एक वर्ष तक पत्रकारिता एवं सामाजिक कार्य का प्रशिक्षण प्राप्त नहीं करता है ऐसे लोगों को प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तथा डिजिटल मीडिया का रिपोर्टर बनाने पर भी रोक लगनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यूट्यूब कंपनियों को किसी भी नाम से चैनल चालू करने से पहले एक फार्म भरवा कर सारा विवरण दर्ज करके ही यूट्यूब चैनल चालू करने की अनुमति देनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि यूट्यूब पर बहुत से ऐसे फर्जी चैनलों की भरमार हो गई है जो समाज में वैमनस्य फैलाने के उद्देश्य से तमाम फर्जी खबरों को अपलोड करके प्रसारित करते हैं और अनैतिक तरीके से धन कमाने की योजना पर काम करते हैं इतना ही नहीं बहुत सारे आपत्तिजनक वीडियो भी यूट्यूब चैनल पर देखने को मिलता है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपदों में युटुब चैनल एवं पोर्टल की गणना कराकर सूचीबद्ध किया जाना चाहिए इसके साथ साथ पत्रकारों की जनगणना होनी चाहिए।

About The Author

निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपडेट खबर के लिए इनेबल करें OK No thanks